शॉपिंग मॉल कर्मचारी महिला की लज्जा भंग मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, दो आरोपी दोषी करार

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रुद्रप्रयाग। मुख्यालय स्थित एक शॉपिंग मॉल में कार्यरत पीड़ित महिला की लज्जा भंग करने, उसके खिलाफ साजिश रचने और आपत्तिजनक ऑडियो वायरल करने के प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने दोनों आरोपियों को विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा एवं जुर्माने से दंडित किया है।

घटना के अनुसार, रुद्रप्रयाग नगर स्थित नए बस अड्डे के पास अदिति शॉपिंग मॉल में कार्यरत पीड़ित महिला ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि नौ माह पूर्व वह मॉल में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थी। मॉल का मालिक वसीम अहमद था, जिसने अपने साथी सलमान के साथ मिलकर पीड़िता के संबंध में फोन पर चरित्र हनन करने व खरीद-फरोख्त जैसी असभ्य बातें करने की साजिश रची। उनकी यह बातचीत बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई, जिससे पीड़िता की सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंची और वह मानसिक तनाव में आ गई।

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पीड़िता की शिकायत पर थाना रुद्रप्रयाग में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरांत पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने दोनों अभियुक्त वसीम अहमद व सलमान को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

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अदालत द्वारा सुनाई गई सजा:

वसीम अहमद

आईपीसी धारा 509: 3 वर्ष का साधारण कारावास व 5,000 रुपये जुर्माना

आईपीसी धारा 120B: 6 माह का कठोर कारावास व 1,000 रुपये जुर्माना

आईपीसी धारा 116: 2,000 रुपये जुर्माना

अन्य प्रकरण में 1 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000 रुपये जुर्माना

आईटी एक्ट धारा 67: 3 वर्ष का कठोर कारावास व 1 लाख रुपये जुर्माना

सलमान

आईपीसी धारा 509: 3 वर्ष का साधारण कारावास व 5,000 रुपये जुर्माना

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आईपीसी धारा 120B: 6 माह का कठोर कारावास व 1,000 रुपये जुर्माना

आईटी एक्ट धारा 67: 3 वर्ष का कठोर कारावास व 1 लाख रुपये जुर्माना

जुर्माना अदा न करने पर दोनों को संबंधित अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने आदेश दिया कि सभी सजाएँ एक साथ चलेंगी।

साथ ही, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 के तहत लगाए गए कुल जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। मामले में राज्य की ओर से अभियोजन अधिकारी प्रमोद चंद्र आर्य ने पैरवी की।

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