उत्तराखंड ग्रामीण बैंक घोटाला : पूर्व मैनेजर समेत 6 दोषी, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा

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देहरादून। उत्तराखंड ग्रामीण बैंक में 1.23 करोड़ रुपये की हेराफेरी के 15 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व बैंक मैनेजर लक्ष्मण सिंह रावत समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने रावत को दो साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि अन्य पांच अभियुक्तों माखन सिंह नेगी, कलाम सिंह नेगी, संजय कुमार, आरसी आर्य और मीना आर्य को एक-एक साल की कैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया गया।

सीबीआई ने यह मामला 2010 में बैंक के सतर्कता विभाग की शिकायत पर दर्ज किया था। जांच में पता चला कि तत्कालीन मैनेजर रावत ने 16 दिसंबर 2009 को ऑडिट से ठीक पहले साजिश के तहत 1.23 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से ऋण खातों में जारी किए थे। बाद में ऑडिट से गड़बड़ी छुपाने के लिए भी धोखाधड़ी की गई। 2011 में चार्जशीट दाखिल हुई थी। अदालत ने सभी को आईपीसी की धारा 120-बी, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी माना।

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