विद्युत विभाग की 19:15 बजे से फर्नेस रोस्टरिंग शुरू, जाने कारण

यह सूचित किया जाता है कि यूजेवीएनएल (UJVNL) का वर्तमान उत्पादन शून्य है, तथा उच्च पीपीएम (Parts Per Million) स्तरों के कारण लगभग 700 मेगावाट की कुल उत्पादन हानि हुई है।
इसके परिणामस्वरूप, वर्तमान में लगभग 500 मेगावाट की विद्युत कमी देखी गई है। इस कमी को प्रबंधित करने हेतु, 19:15 बजे से फर्नेस रोस्टरिंग प्रारंभ कर दी गई है।
यह भी सूचित किया जाता है कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो अतिरिक्त खपत को नियंत्रित करने एवं ग्रिड स्थिरता बनाए रखने हेतु टाउन रोस्टरिंग भी लागू की जा सकती है, विशेष रूप से निम्न आवृत्ति (low frequency) की स्थिति में।
पीपीएम (Parts Per Million) का आशय पानी में घुले या निलंबित ठोस कणों (जैसे गाद, मिट्टी, मलबा आदि) की मात्रा से होता है। मानसून या भारी वर्षा के दौरान, नदियों में अत्यधिक गाद एवं मलबा बहकर आता है, जिससे पीपीएम स्तर बढ़ जाता है।
उच्च पीपीएम स्तर के कारण हानि के प्रमुख कारण:
- टरबाइन को नुकसान का खतरा:
गादयुक्त पानी टरबाइनों के ब्लेड को क्षतिग्रस्त कर सकता है। अधिक क्षति से बचने के लिए उत्पादन रोकना आवश्यक हो जाता है। - रख-रखाव में वृद्धि:
उच्च पीपीएम के कारण सफाई, मरम्मत और रखरखाव की आवश्यकता बढ़ जाती है। - स्वचालित शटडाउन:
सुरक्षा के लिए पावर प्लांट्स में पीपीएम की एक सीमा तय होती है (जैसे 300–500 ppm)। इसे पार करने पर स्वचालित रूप से उत्पादन बंद हो जाता है। - कूलिंग और पाइपिंग सिस्टम पर प्रभाव:
गादयुक्त पानी फिल्टरों और पाइपों को जाम कर सकता है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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