नाबालिग से दुराचार के मामले में हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि रद्द की, आरोपी को तत्काल रिहा करने का आदेश
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नाबालिग किशोरी से दुराचार के मामले में दोषसिद्ध आरोपी कृष्णा उर्फ बासु को बरी करते हुए उसकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप “उचित संदेह से परे” साबित करने में पूरी तरह विफल रहा।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनाया। अपीलकर्ता कृष्णा उर्फ बासु को टिहरी गढ़वाल के स्पेशल जज पॉक्सो/जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3), 506 और पॉक्सो अधिनियम, 2012 के तहत दोषी ठहराया था। आरोपी ने इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने 30 अगस्त, 2025 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था और 3 नवंबर, 2025 को निर्णय सुनाया।
खंडपीठ ने अपने विस्तृत निर्णय में पाया कि अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में गंभीर विरोधाभास हैं। पीड़िता, उसकी मां और पिता ने घटना की तारीखों और घटनाक्रम को लेकर परस्पर भिन्न बयान दिए। जहां मां ने बताया कि उसने 6 मई, 2020 से आरोपी को ट्यूशन के लिए आने से मना कर दिया था, वहीं पीड़िता ने 7, 8 और 9 मई को यौन संबंध होने की बात कही। पिता ने भी अलग बयान देते हुए कहा कि आरोपी को 12 मई तक ट्यूशन देने की अनुमति थी।
अदालत ने यह भी पाया कि पीड़िता के गर्भवती होने और ज़हर सेवन की कहानी में गंभीर असंगतियां थीं। डॉक्टरों और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि पीड़िता गर्भवती नहीं थी। वहीं, ज़हर सेवन से संबंधित कोई ठोस मेडिकल रिपोर्ट या भौतिक साक्ष्य, जैसे कथित रूप से टूटी हुई बाथरूम कुंडी, पुलिस द्वारा जब्त नहीं की गई।
पीड़िता की उम्र से जुड़े दस्तावेजों में भी विरोधाभास पाया गया। स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 21 अगस्त, 2004 दर्ज थी, जबकि माध्यमिक विद्यालय की मार्कशीट में 19 अक्टूबर, 2005। इस विसंगति के कारण पॉक्सो अधिनियम के तहत नाबालिग होने का दावा भी संदिग्ध हो गया।
अदालत ने जांच अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए और जांच को “दोषपूर्ण” करार दिया। जांच अधिकारी ने स्वीकार किया कि घटनास्थल का नक्शा पीड़िता को साथ लिए बिना ही तैयार किया गया और कई महत्वपूर्ण साक्ष्य, जैसे पीड़िता के कपड़े, जब्त नहीं किए गए।
इन सभी तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा पारित दोषसिद्धि के आदेश को निरस्त करते हुए आरोपी कृष्णा उर्फ बासु को बरी कर दिया और उसकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें
👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119
संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
www.fastnewsuttarakhand.com

बेरीनाग में शुरू हुआ ऐतिहासिक बौराणी मेला और लोक सांस्कृतिक महोत्सव
लोहाघाट में दर्दनाक हादसा : खाई में गिरी कार, दो की मौत, एक घायल