“माँ” को विनम्र श्रद्धांजलि-दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है नाम-
ईश्वरी दत्त भट्ट
“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है। पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले। माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता। इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते हैं।
जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है। जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो। माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है। मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पर आंच आने वाली होती है, तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है।
19 अगस्त 2022 को माँ ने गांव में भगवान की पूजा अर्चना के तुरंत भगवान के श्री चरणों को गमन कर लिया। अब पूरी उम्र केवल माँ सब्द ही अमर रहेगा। अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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