जगदीश हत्याकांड से गुस्साए लोगों ने रैली निकालकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

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जगदीश की निर्मम हत्या से जिले के मूल निवासी अनुसूचित जाति बर्ग के बैनर तले पनपोला पुल भिकियासैण बाजार से लेकर नारेबाजी के साथ तहसील तक आक्रोश रैली निकाल कर प्रशासन को सौपा ज्ञापन।

आज दो अभी दो फाँसी दो फाँसी दो,पुलिस प्रशासन जवाब दो जवाब दो के नारे से हुआ तहसील प्रशासन गुंजायमान।

जगदीश की हत्या के लिए जिला अधिकारी अल्मोड़ा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ठहराया जिम्मेदार।

एस आर चंद्रा

भिकियासैण(अल्मोडा़) जगदीश चंद्र निवासी पनुवाद्यौखन ने सवर्ण युवती से विवाह की वजह से बेल्टी निवासी गोविन्द सिंह, जोगासिंह व भावना देबी द्वारा अपहरण कर निर्दयता से मौत के घाट उतार दिए जाने पर आज जिले के दर्जनों मूलनिवासी अनुसूचित जाति बर्ग ने पनपोला पुल भिकियासैण से तहसील मुख्यालय तक हाथ मे स्लोगन लिखे तख्तियों को लेकर जबर्दस्त आक्रोस के साथ नारेबाजी के साथ रैली निकाली और तहसील मुख्यालय परिसर में एक जन सभा कर महामहिम राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली के साथ ही माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार के नाम ज्ञापन उपजिलाधिकारी शिप्रा जोशी पांडे को सौपा।

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ज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख किया है कि जगदीश हत्याकांड में फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से तक कार्यवाही करने, पनुवाद्यौखन वासियो को सुरक्षा देने, मृतक के परिवार को -50 लाख रुपये देने व एक परिजन को सरकारी नौकरी देने के साथ ही पूर्व में सल्ट में कफल्टा कान्ड में -14 लोग मार दिये जाने व वर्तमान में अनुसूचित जाति के एक दूल्हे को जबरन घोडे़ से उतारने जैसी पुनरावृत्ति न हो।


तहसील मुख्यालय में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा आजादी के 75 साल के बाद भी उनके साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है और जो जगदीश हत्याकांड से सबक के साथ सीख मिली है कि आज सरकार हिन्दुओं की हितैशी बनकर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ क्रूरता से पेश आ रही है,और प्रथान से लेकर विधायक व सीएम तक के किसी भी प्रतिनिधि ने न संवेदना व्यक्त करना न मृतक के घर जाना उचित नही समझा, जिससे लगता है सरकार इस बर्ग की कितनी हिमायती है। अनुसूचित जाति के बडे़ जनप्रतिनियों ने तो चुप्पी इस कदर साधी है कि कहीं हमारे बोट बैक कम न हो जाय,जो बडे़ शर्म की बात है। उन्होने कहा पेपर लीक मामले में लगातार घोटाला सामने आ रहा है, उनको लग रहा है कि इस जघन्य हत्या कान्ड में भी लीपापोती का घोटाला कर अपराधियों को जल्दी छोड़ देंगे, लेकिन ऐसा अनुसूचित समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

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सभी अनुसूचित जाति बर्ग इस बात को लेकर भी भारी आक्रोशित है कि अल्मोड़ा प्रशासन ने जब नव दंपति ने सुरक्षा मांगी तो सुरक्षा नहीं दी गई, और लेकिन हत्या के बाद उसके दाह संस्कार एवं श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों अधिकारियों को लगाकर यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड सरकार ,अल्मोड़ा प्रशासन के पास जिंदा इंसानों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल नहीं है ,जो आज भी देखने को मिला है, कि पुलिस के साथ ही पीएसी जवान भी तहसील मुख्यालय परिसर में दिखाई दिए।

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सभा मे सभी लोगो ने अल्मोड़ा पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हत्यारों की पुलिस द्वारा रिमांड नहीं ली गई है, और हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार अभी तक नहीं किया गया है।


इस मौके पर डा0एड0 प्रमोद कुमार, मूल निवासी जिला अध्यक्ष प्यारे लाल, सुन्दर लाल सुमन, संजय टम्टा, धनीराम टम्टा, एस आर चंद्रा, रमेश चौधरी, बंशीधर आर्या, एड मोहन कोली, भोलेशंकर,रमेश चन्द्र आर्य, राजेश कुमार, दर्शन राम, कुनाल आर्य, भवानी राम, नरेश शिल्पकार, नवल किशोर, बसन्त चौधरी, रमेश चन्द्र, धीरज टम्टा, जय किसन आर्या, सुरेश चन्द्र,कृष्ण कुमार, जयनन्द, दीप चन्द्र, जानकी लोहिया, लता लोहिया, जानकी देबी, मुन्नी देबी, भारती देबी, हिमुली देबी, दुर्गा देबी आदि के साथ ही सल्ट, भिकियासैण, बागेश्वर, रानीखेत आदि क्षैत्रों से दर्जनों लोग शामिल थे।

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