मां-बेटी के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा

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देहरादून। विकासनगर क्षेत्र के भीमावाला में घर में घुसकर मां-बेटी की गोली मारकर हत्या करने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने बुधवार को हुई सुनवाई में आरोपी को दोषी करार दिया। मामला वर्ष 2017 का भीमावाला चुंगी क्षेत्र का था। ज्योति विश्वास निवासी भीमावाला चुंगी ने कोतवाली विकासनगर में तहरीर दी थी। तहरीर में ज्योति ने बताया कि वह अपनी मां काकूली और बड़ी बहन वैशाली के साथ घर पर थीं। भाई विश्वजीत काम से डाकपत्थर गया हुआ था। इसी दौरान शाम को करीब साढ़े छह बजे मोहल्ले में मोबाइल की दुकान चलाने वाला आनंद परवाल, निवासी चिरंजीपुर दांडी उनके घर में जबरदस्ती घुस गया और झगड़ा करने लगा। वह उसकी बड़ी बहन से बात करवाने के लिए कहने लगा।

जब मां ने विरोध किया तो उसने उनकी मां को अंदर वाले कमरे में गोली मार दी। इसके बाद बहन को भी कमरे में ले जाकर गोली मार दी। बताया कि आरोपी से पिस्तौल छीनने की कोशिश की तो उसने उसे भी गोली मारने की कोशिश की। इसके बाद आरोपी ने उसके सिर से पिस्तौल की बट से वार किया और बाइक से फरार हो गया। आरोपी को पुलिस ने उसी दिन तमंचे और कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया था। फारेंसिक जांच में मां-बेटी की हत्या आरोपी आनंद के तमंचे से चली गोली से होना साबित हुआ। बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने आरोपी को मां-बेटी की हत्या का दोषी करार दिया था। शुक्रवार को सजा पर सुनवाई हुई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने सजा पर सुनवाई करते हुए दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर एक लाख रुपये का भी जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर उसे दो वर्ष अतिरिक्त कारावास झेलना पडे़गा। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता नरेश बहुगुणा ने 31 गवाह पेश किए थे।

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