राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कर्मियों में जाराजगी
-रीठागाड़ी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने की नियमित मानदेय देने की मांग-
अल्मोड़ा। तत्कालीन सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैसिलेटरों के लिए शासनादेश करने के बाद भी इनके खातों में पैसे नहीं पहुंचने से आशा एवं आशा फैसिलेटेटरो में आक्रोश है।
वर्ष 2005 मे स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गयी थी। वर्ष 2010 में आशाओं ऊपर आशा फैसिलेटरों की नियुक्ति की गयी। 25 से 30 आशा कार्यकर्ताओं की देखरेख के लिए आशा फैसिलेटरों को रखा गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य संबंधित कार्य व महिलाओं के प्रसव कराना व अन्य स्वास्थ्य संबंधित कार्य आशा कार्यकर्ताओं के द्धारा किया जाता है।
आशा फैसिलेटर 25 से 30 आशाओं के कार्य की देखरेख व आशाओं के कार्यों को बिस्तार पूर्वक निकटतम स्वास्थ्य अस्पताल व जिला अस्पताल तक पहुंचाने का काम आशा फैसिलेटर करती है।
लंबे समय से आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैसिलेटरों ने तत्कालीन सरकार को अवगत कराते हुए आशा एवं आशा फैसिलेटरों ने धरना प्रदर्शन व हड़ताल भी की। तब उन्हें कुछ धनराशि व मानदेय का शासनादेश जारी हुआ।
रीठागाड़ी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी का कहना है कि इस महंगाई के समय में इन आशा कर्मियों को नियमित मानदेय देना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग व उतराखड सरकार के द्धारा जारी किये हुए शासनादेश के पैसे कम से कम इनके खातों में पहुंचने चाहिए।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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