बलात्कार के आरोपी को कोर्ट ने किया दोषमुक्त- आरोपी को मिला संदेह का लाभ-
गूलरभोज। पीड़िता की तहरीर पर रेप के मामले में दीपांकर मंडल पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अभियोजन व अभियुक्ता पक्ष के अधिवक्ता की दलील के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीएससी) शिवाकांत द्विवेदी रुद्रपुर उधम सिंह नगर की अदालत ने दीपांकर मण्डल को बलात्कार के मामले में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। मामले के अनुसार पीड़िता ने दिनांक 25 जून 2016 को थाना दिनेशपुर में दीपांकर मंडल पुत्र फटिक मंडल निवासी भरतपुर थाना न्यूरिया जिला पीलीभीत के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसमें 26 अप्रेल 2015 को दीपांकर मण्डल ने पीड़िता को घर के पीछे नहर पर बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया।
पीड़िता द्वारा पुलिस में शिकायत करने बात कहने पर दीपांकर ने उससे विवाह करने का झांसा दिया। इसके बाद भी उसने पीड़िता की इच्छा के विरूद्ध शारीरिक सम्बन्ध बनाता रहा। इस बीच पीड़िता गर्भवती हो गई तो वह पीड़िता पर जबरन गर्भपात कराने का दबाव बनाने लगा साथ ही शादी की बात कहकर टाल-मटोल करता रहा। मई 2016 में पीड़िता द्वारा पुलिस कार्रवाई की धमकी देने पर दीपांकर ने रामनगर में लेजाकर विवाह प्रमाण पत्र बताकर एक स्टाम्प पेपर पर उसका अंगूठा लगवा लिया। बाद में आरोपी पीड़िता को आठ माह की गर्भावस्था में उसकी माता के पास भवानीगंज, रामनगर छोड़कर चला गया। दीपांकर मण्डल के विरूद्ध 7 जनवरी 2017 को धारा 376, 504, 506 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप विरचित किये गये।
अभियुक्त द्वारा आरोपों को अस्वीकार करते हुए विचारण की मांग की गयी। विचरण के दौरान अभियोजन द्वारा पेश किए गए गवाह व वादिनी के बयानों में गंभीर विरोधाभस पाया गया। जिसके कारण अभियोजन, आरोपों को युक्ति युक्त सन्देह के परे साबित करने में विफल रहा है। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार गोस्वामी की दलील के बाद न्यायालय ने अपने फैसले में अभियुक्त दीपांकर मण्डल को धारा 376,504,506 भारतीय दण्ड संहिता, 1880 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध के आरोपो से दोषमुक्त कर दिया।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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