उपनल कर्मियों ने किया विधानसभा कूच, पुलिस ने रोका

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देहरादून। उपनल कर्मियों ने वुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर आकर प्रदर्शन किया। उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के बैनर पर प्रदेशभर से आये सैकड़ों उपनल कर्मियों ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान पुलिस और उपनल कर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई।

विधानसभा की ओर बढ़ रहे उपनल कर्मियों को रिस्पना पुल से पहले ही पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज आक्रोशित उपनल कर्मचारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।धरने के दौरान ही एक सभा का आयोजन किया गया। संघ के पदाधिकारियों ने कहा उपनल कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए शासन स्तर पर बार-बार अनुरोध किया गया, किंतु कर्मचारियों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा वर्तमान में विभागों द्वारा 10 -15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। कुछ विभागों में उन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है। कई विभागों में पर्याप्त बजट होने के बावजूद उपनल कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है।प्रदर्शनकारियों ने कहा उपनल कर्मचारियों ने इमरजेंसी सेवाओं को शामिल नहीं किया है।

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यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो भविष्य में इमरजेंसी सेवाएं भी ठप्प करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। संगठन के प्रदेश संयोजक ने कहा कि अभी उनका एक दिवसीय कार्यक्रम है, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी की गई तो संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी बैठक कर सरकार को एक माह का अल्टीमेटम देने के बाद अनिश्चितकालीन धरना करेंगे। सड़क पर ही धरने पर बैठे उपनल कर्मचारियों ने सरकार द्वारा कोर्ट में दायर की गई एसएलपी को वापस लिए जाने की मांग उठाई है। इसके अलावा वेतन में न्यूनतम 20 फीसदी मानदेय में वृद्धि और डीए की मांग भी उपनल कर्मियों द्वारा की गई है।

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