रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा कर जमीनों के मालिकाना हक बदले जाने के मामले में दो मुकदमे दर्ज

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देहरादून। रजिस्ट्री कार्यालय के रिकार्ड में फर्जीवाड़ा कर जमीनों के मालिकाना हक बदले जाने के मामले में दो और मुकदमे शहर कोतवाली पुलिस ने दर्ज किए हैं। यह दोनों करोड़ों रुपये की संपत्तियां हैं। इस मामले में पहला मुकदमा बीते 15 जुलाई को दर्ज किया गया था। घपले में शहर कोतवाली में एआईजी स्टाम्प संदीप श्रीवास्तव की तरफ से अब तक कुल नौ केस दर्ज हो चुके हैं। शहर कोतवाल राकेश गुसाईं ने बताया कि जमीन फर्जीवाड़े की जांच हाल में केपी सिंह को रिमांड पर लिया गया था। उससे पूछताछ और बरामद दस्तावेजों से पता लगा कि कुछ अन्य जमीनों को इस गैंग ने फर्जीवाड़े से बेचा। उसकी बताई जमीनों की जानकारी रजिस्ट्री कार्यालय को भेजी गई। वहां जांच की गई तो राजपुर रोड स्थित करोड़ों रुपये के कमर्शियल गैराज की जमीन के 1979 हुए बैनामे की जमीन को फर्जीवाड़े से मालिकाना हक बदलकर बेचा गया। यह एनएन सिंह और उनकी पत्नी रक्षा सिंह निवासी इंग्लैंड के नाम पर थी।

रजिस्ट्री कार्यालय रिकार्ड में इसका पंजीकृत एग्रीमेंट प्रेम चंद्र निश्चल निवासी कांवली रोड के नाम फर्जीवाड़े से दर्ज कराया गया। इसके जरिए जमीन को रामरतन शर्मा निवासी हिरनवाडा, कैराना जिला मुजफ्फनगर को बेच दिया गया। जांच में सामने आया कि फर्जीवाड़े से लगाए दस्तावेज में स्याही, लिखावट, क्रम संख्या में गड़बड़ी है। आरोपी गैंग ने इसके अलावा वर्ष 1989 की रजिस्ट्री संख्या 10491 जिल्द संख्या 3546 में भी फर्जीवाड़ा किया। यह जमीन प्यारे लाल के नाम से स्वर्ण सिंह निवासी मनुआ पट्टी, तहसील बहेड़ी, जिला बरेली के नाम पर दर्ज हुई। जमीन की माप 559 वर्ग गज है। इसमें भी लिखावट, स्याही अलग-अलग है। रजिस्ट्री कार्यालय में हुए घपले में पुलिस अब तक वकील कमल बिरमानी, इमरान, केपी सिंह समेत दस आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस फाइल कई आरोपी अभी वांटेड सूची में हैं।

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