युवाओ ने शहीद खुशाल सिह को समर्पित किया पुस्तकालय-
अस्कोट :महेश पाल
23 सितम्बर 2009 आपरेशन रक्षक के दौरान जम्मू के बनियारी मे हुये थे शहीद
सरकार ने शहीद के गांव की नही ली कोई सुध पैदल मार्ग तक पक्का नही है
पत्नी जानकी आज भी एक शहीद स्मारक और प्रवेश द्वार के लिए काट रही है चक्कर-
अस्कोट के युवाओ ने सामुहिक प्रयासो से तैयार पुस्तकालय को शहीद का नाम दिया
पत्नी जानकी और माता भागीरथी देवी के हाथो कराया शुभारम्भ
अस्कोट के चमलेख गांव निवासी खुशाल सिह 1997 मे पांचवी कुमाऊं रेजीमेंट मे भर्ती हुये थे।अपने 12 वर्ष की देश सेवा के दौरान सेना मे नायक के पद तक पहुंचते हुये उन्होने हाईएल्टीट्यूड मैडल,आपरेशन मैडल,आपरेशन पराक्रम मैडल से सम्मान प्राप्त किया और उनके पराक्रम को देखते हुयी उन्हें मरणोपरान्त सेना ने सेना मैडल देकर सम्मानित किया।
ऐसे वीर सैनिक का परिवार आज गुमनामी की जिन्दगी जी रहा है और शहीद का गांव सुविधाओं से वंचित है।चमलेख गांव से शहीद के घर तक लगभग डेढ़ किमी.पैदल रास्ता तक पक्का नही है।पत्नी जानकी अधिकारी को अपने बच्चो की पढ़ाई पूरी करवाने के लिऐ पिथौरागढ़ रहना पड़ रहा और घर पर अकेली माता भागीरथी देवी को रहना पड़ रहा।
अस्कोट के युवाओ ने अपने सामुहिक प्रयासो से पुस्तकालय का निर्माण करवाया और शहीद खुशाल सिह को समर्पित कर उनकी माता और पत्नी को सम्मानित किया उनके इन प्रयासो की सभी ने सराहना की है।
पुस्तकालय संचालन हेतु शहीद की पत्नी जानकी अधिकारी,वीरजंगपाल,महेश पाल,गोविन्द भण्डारी,गोविन्द रावत को संरक्षक और विक्रम सिह पाल को अध्यक्ष विकास बम को उपाध्यक्ष राजनारायण को सचिव व गणेश भट्ट को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अध्यक्ष विक्रम सिह पाल ने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर मे यह पुस्तकालय बच्चो के लिऐ बहुत उपयोगी होगा और क्षेत्र के शहीद के लिऐ क्षेत्रवासियो की तरफ से सम्मान प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के दौरान पत्नी जानकी अधिकारी और माता भागीरथी देवी की आंखे नम हो गयी और उन्होने युवाओ का आभार ब्यक्त करते हुआ कहा कि पुस्तकालय संचालन हेतु परिवार की ओर से हर सम्भव मदद की जायेगी।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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