भिकियासैंण:-बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा तो लगाया, लेकिन एक भी बंदर पकड़ नहीं पाए-
एस आर चंद्रा की रिपोर्ट
भिकियासैंण | उत्तराखंड के बन्दर भी इतने चालाक हो गए हैं कि जब सरकार उन्हें पकड़ने के आदेश जारी करती है और पकड़ने वाले आते हैं तो वो अपने प्राकृतिक आवास में चले जाते हैं और आगे पीछे इतना हुडदंग मचाते हैं कि लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर कर देते हैं।प्रभागीय वनाधिकारी को लिखे पत्र का आशय तो यही था कि भिकियासैंण नगर पंचायत के आस पास बन्दरों को पकड़ क़र बन्दरौं को बन्दर बाडे़ में डाल कर कैद करें, लैकिन द्वाराहाट के बन क्षेत्राधिकारी ने टीम के साथ भिकियासैंण में बन्दर बाड़ा तो लगाया, लेकिन एक भी बन्दर कैद नहीं हो पाया।
दरअसल पहाड़ के निवासी बंदरों के आतंक और निराश्रित गौवंश से बहुत परेशान है इस परेशानी में भिकियासैंण निवाशी किसी ने अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष से शिकायत की कि बंदरों के लिए पिंजरा लगाया जाए, और इन्हें जंगलों में छोड़ दिया जाये | आयोग द्वारा उचित कार्रवाही के निर्देश पर वन क्षेत्राधिकारी द्वाराहाट ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा गस्त के दौरान बन्दर बाड़ा तो। लगाया, लेकिन बन्दर नही दिखे,कुछ दिखे भी तो वह कैद नहीं हो सके। और शिकायतकर्ता से भी संपर्क करने पर उसके द्वारा भी बन्दर न दिखने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया | उनका कहना है बन्दर अपने प्राकृतिक आवासों में चले गए हैं और इनसे अभी कोई फिलहाल खतरा नहीं है |
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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