नैनीताल हाइकोर्ट की चार धाम यात्रा पर रोक जारी
नैनीताल। हाइकोर्ट ने कोरोना समय में प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर दायर दस से अधिक जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए चार धाम यात्रा पर रोक जारी रखी है साथ ही हिल स्टेशनों में अनलॉक के बाद उमड़ रही भीड़ पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे नियंत्रित करने के उपायों के बारे में जबाव देने व अनलॉक पर पुनर्विचार करने को कहा है। आज सुनवाई के दौरान नवनियुक्त मुख्य सचिव एस एस सन्धु, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, पर्यटन सचिक दलीप जावलकर, एडिशनल सचिव डॉ0आशिष चौहान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए थे। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। खंडपीठ ने आज सरकार को कई दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए दी गयी छूट पर पुनर्विचार कर और कोर्ट को बताएं, डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए जो सैम्पल भेजे गए हैं उनकी रिपोर्ट का विवरण दें, राज्य के सरकारी व निजी अस्पतालों में एमआरआई सुविधा का ब्यौरा दें, पीडियाट्रिक (बाल रोग) वार्ड व बेड की स्थिति व सीएचसी में उपलब्ध डॉक्टरों का विवरण, प्रतिदिन हो रहे वैक्सिनेशन की स्थिति, बुजुर्ग व विकलांगों व्यक्तियों को अब तक लगी वैक्सीन की रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की है। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड में इंटर्न चिकित्सकों को 7500 मानदेय दिया जा रहा है जबकि हिमांचल में अधिक दिया जा रहा है। जिस कारण इंटर्नशिप के लिये डॉक्टर हिमांचल जा रहे हैं। इसलिये राज्य सरकार इसको बढ़ाने के बारे में विचार करें। क्योंकि एक ओर सरकार कहती है कि हमारे पास चिकित्सक नहीं है और दूसरी ओर इंटर्नशिप कर रहे चिकित्सकों का मानदेय इतना कम होना चिंताजनक है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 जुलाई निर्धारित करते हुए मुख्य सचिव से इन सभी बिंदुओं पर लिए गए निर्णयों की जानकारी देने को कहा है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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