राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर किशनपुर गौलापार में चलाया स्वच्छता अभियान

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हल्द्वानी। उच्च शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड हल्द्वानी नैनीताल के पत्रांक: डिग्री सेवा विविध/1489 -90, दिनांक 12 जून 2023 के आदेशानुसार स्वच्छता सप्ताह (12 जून से 18 जून) पर प्रदेश स्तर में स्वच्छता सप्ताह का आयोजन किए जाने केआदेश के क्रम में राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी शहर किशनपुर गौलापार नैनीताल उत्तराखंड के प्राचार्य प्रोफेसर संजय कुमार के दिशा निर्देशन में महाविद्यालय परिसर व उसके आसपास के स्थानों को चिन्हित कर उक्त स्थान की साफ-सफाई की गई, जिसके तहत दिनांक 17 जून 2023 महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुरेंद्र विक्रम सिंह पडियार (गणित विभाग) और डॉ अंकिता चंदोला (वनस्पति विभाग) के द्वारा महाविद्यालय के छात्र छात्रों और स्थानीय जनप्रतिनिधियो, एनएसएस के स्वयं सेवकों, एनसीसी समिति के सदस्यों के साथ मिलकर महाविद्यालय के आस पास के नागरिको और उद्यमिता से जुड़े लोगो को क्लीनलीनेस ड्राइव व् प्रतिबंधित सिंगल यूज़ प्लास्टिक के संबंध में जागरूक किया, डॉक्टर सुरेंद्र ने स्थानीय लोगो को बताया की केंद्र सरकार ने बीती 1 जुलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. सरकार ने यह कदम प्रदूषण से निपटने के लिए उठाया है. अब ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है की सरकार के प्रयास को सफल बनाने में सहायता करे,भारत में प्लास्टिक ‘वेस्ट पॉल्यूशन’ का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है.

अनुमान के मुताबिक देश में हर साल करीब 14 से 15 मिलियन टन प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर कचरा फैल जाता है. प्लास्टिक लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होती है. इससे लोग कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. साथ ही रोजमर्रा के जीवन में उपयोग की जाने वाले वस्तुओ जैसे थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक के उपयोग में सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया, वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ अंकिता चंदोला ने प्लास्टिक हमारी हेल्थ को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरीकों से किस तरह प्रभावित करता है इस हेतु सभी को जानकारी दी उन्होंने बताया की प्लास्टिक सदियों तक डीकंपोज नहीं होता है और इससे वॉटर पॉल्यूशन, एयर पॉल्यूशन और सॉइल पॉल्यूशन जैसी हानिकारक प्रदूषण होते है जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का शिकार होना पड़ता है. उन्होंने ये भी बताया की बड़ी मात्रा में प्लास्टिक समुद्र में पहुंच जाती है और समुद्र के जीव जंतु प्लास्टिक निगल लेते हैं, समुद्र से निकाली गई मछलियों और अन्य सीफूड को खाने से प्लास्टिक केेे टुकड़े इंसानों के पेट तक पहुंच सकते हैं और आंतों में ब्लॉकेज पैदा कर सकते हैं. इसके बाद छात्र छात्राओं और स्थानीय लोगो के साथ मिलकर एक रैली का आयोजन किया गया जिसमे सिंगल यूज प्लास्टिक का त्याग और अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए कहा गया।

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