हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन ना करने पर मुखानी थाने की दरोगा कोरंगा को अवमानना नोटिस किया जारी

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नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश अरनेश कुमार और सीआरपीसी की धारा 41 अ का पालन न करने पर मुखानी थाने की जाँच अधिकारी दरोगा ज्योति कोरंगा को अवमानना का दोषी पाते हुए  उन्हें नोटिस जारी कर छह सप्ताह में अपना जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी की तिथि नियत की है। 

मामले की सुनवाई बीते 6 नवम्बर को न्यायमूर्ती पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई। याचिकर्ता को आज कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त हुई है। मामले के अनुसार चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने अवमानना याचिका कर कहा है कि उनके खिलाफ हल्द्वानी की एक महिला ने मुखानी थाने में आईपीसी की धारा 354 क, 354 ङ और 506 के तहत 21 मार्च 2023 को मुकदमा दर्ज किया। मुखानी पुलिस ने उन्हें आईपीसीसी की धारा 41 अ का बगैर  नोटिस दिये और सर्वोच्च न्यायलय के आदेश का पालन किए 22 मार्च 2023 को उनके परिवार के बीच से उठाकर जेल भेज दिया। हालांकि उन्हें दूसरे दिन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जमानत मिल गयी। लेकिन पुलिस की इस हरकत को उन्होंने उच्च न्यायलय में अवमानना याचिका दायर कर चुनोती दी है।

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उच्च न्यायलय ने मामले की सुनवाई के बाद उनके केस में निचली अदालत की समस्त कार्यवाही पर रोक लगा रखी है, लेकिन अवमानना याचिका में कोर्ट ने मामले की जाँच अधिकारी ज्योति कोरंगा को सर्वोच्च न्यायलय के आदेश का और 41अ सीआरपीसी का पालन नही करने पर अवमानना का दोषी पाते हुए उन्हें नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा है।

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