नैनीताल और कुमाऊं में 21 अक्तूबर को मनाई जाएगी दीवाली

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नैनीताल। इस साल पूरे देश में जहां 20 अक्तूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा, वहीं उत्तराखंड के कुमाऊं में दीपोत्सव एक दिन बाद यानी 21 अक्तूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्वतीय परंपराओं और स्थानीय पंचांगों के अनुसार कुमाऊं में कई त्योहर मैदानों की तुलना में एक दिन बाद मनाने की परंपरा है। इस अंतर का कारण केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि खगोलीय और भौगोलिक गणना से भी जुड़ा हुआ है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कुमाऊं में रामदत्त पंचांग का अनुसरण किया जाता है जो ‘निरयण प्रणाली पर आधारित है। जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में ‘सयण प्रणाली पर आधारित बनारस पंचांग चलता है। इन दोनों प्रणालियों में चंद्र दर्शन और सूर्योदय के समय में फर्क होने के कारण पर्वों की तिथियों में एक दिन का अंतर आ जाता है। इसी कारण पहाड़ों में लोग अगले दिन यानी 21 अक्तूबर को मां लक्ष्मी का पूजन करेंगे।

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पंडित प्रकाश जोशी ने बताया कि इस बार 21 अक्तूबर मंगलवार को ही महालक्ष्मी पूजन और दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत है। उन्होंने बताया कि इस दिन अमावस्या तिथि शाम 5.55 बजे तक रहेगी और चित्रा नक्षत्र रात्रि 10.59 बजे तक रहेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि इस दिन प्रदोष काल शाम 5.35 से 8.14 बजे तक रहेगा जो पूजन का श्रेष्ठ समय माना गया है।

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आचार्य जोशी ने बताया कि “निर्णयसिन्धु” ग्रंथ के अनुसार, यदि दो दिन अमावस्या प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन दीपावली मनाना श्रेष्ठ माना जाता है। यही कारण है कि पूरे उत्तराखंड में दीपोत्सव 21 अक्तूबर को मनाया जाएगा, जबकि देश के अन्य भागों में 20 अक्तूबर को दीपावली मनाई जाएगी। 20 अक्तूबर को छोटी दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।

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