दीवाली में पहाड़ जाने वाले यात्रियों पर पढ़ रही दोहरी मार -भीड़ बढ़ने से टैक्सी मिलना भी हो रहा मुश्किल

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हल्द्वानी। दीवाली पर महानगरों से घरों को लौट रहे लोगों को पर्वतीय क्षेत्र में रोडवेज की बदहाली की मार झेलनी पड़ रही है। हल्द्वानी से आगे पर्वतीय क्षेत्र में जाने के लिए बस नहीं मिलने पर इन लोगों को टैक्सियों का महंगा किराया चुकाना पड़ रहा है। परिवहन निगम ने दीवाली के दौरान मैदानी मार्गों के लिए 25 अतिरिक्त बसें चलाई हैं, वहीं पहाड़ के लिए एक भी बस नहीं बढ़ाने से लोग परेशान हो रहे हैं।


महानगरों में रह रहे नौकरीपेशा लोगों की पिछले दो दिनों से त्योहार की छुट्टियों में बड़ी संख्या में घर वापसी हो रही है। हल्द्वानी से आगे पहाड़ के सफर के लिए लोगों के पास रोडवेज बस का विकल्प नहीं होने से टैक्सियों का महंगा किराया चुकाना मजबूरी बना हुआ है। हल्द्वानी से सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रोडवेज की केवल चार बसें सुबह के समय जाती हैं। इसके बाद पहाड़ी रूट पर कोई बस सेवा नहीं है। बस नहीं मिलने पर टैक्सी से पिथौरागढ़ जा रहे सुरेश डसीला ने बताया कि बस में 250 रुपये में पहुंच जाते हैं, अब बस नहीं होने पर एक हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। मैदानी रूटों के लिए 25 अतिरिक्त बसें लगाने से उधर के यात्रियों को जरूर राहत मिली है।

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पूछताछ केंद्र पर दिन भर पहुंच रहे लोग :   बाहरी राज्यों से त्योहार पर घर आने के लिए हल्द्वानी पहुंचने वाले लोग पर्वतीय मार्ग के लिए बस की जानकारी के लिए दिन भर पूछताछ केंद्र में पहुंच रहे हैं। सुबह की चार बसों के अलावा दिन में कोई बस नहीं होने की जानकारी मिलने पर लोगों को मायूस होना पड़ रहा है। पूछताछ केंद्र पर मिले अल्मोड़ा जिले के मनोज अधिकारी ने बताया कि आगे की यात्रा रोडवेज से करना तय किया था। अब बस नहीं मिलने पर महंगा किराया देकर टैक्सी से अपने गांव जाना होगा।

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भीड़ बढ़ने से टैक्सी मिलना भी हो रहा मुश्किल   :   महानगरों से देर शाम तक आने वाली बसों से लोग हल्द्वानी तक पहुंच रहे है। वहीं सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों को चलने वाली टैक्सियां दोपहर तक यहां से रवाना हो जाती हैं। ऐसे में बस और टैक्सी, किसी का विकल्प नहीं मिलने पर आगे की यात्रा और मुश्किल हो रही है। अर्जुन बिष्ट ने बताया कि आगे की यात्रा का साधन नहीं मिलने पर अब रात रहने के लिए होटल का किराया चुकाना होगा।

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