तराई में नदियां उफान पर, आठ परिवार शिफ्ट किए

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रुद्रपुर। तराई में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। भारी बारिश से जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ गया है। गूलरभोज और नानकमत्ता जलाशय से जरूरत को देखते हुए पानी की निकासी की गई है। बारिश से शहरों से लेकर गांव तक जगह-जगह जलभराव की स्थिति है। बारिश से गन्ने और धान की फसल को नुकसान हुआ है। सितारगंज के ग्राम झुकहा में एक किसान कैलाश नदी में बह गया है। उसकी तलाश जारी है। दूसरी ओर, लाइनों पर पेड़ गिरने से तराई के कई क्षेत्रों में बिजली ठप है। वहीं बाजपुर की सुल्तानपुर पट्टी में एक मकान की दीवार गिरी है। कोई जानमाल का नुकसान नहीं है।

लगातार बारिश के चलते नानकमत्ता के ग्राम बिछुआ गांव में देवहा नदी का पानी घुस गया है। 11 परिवारों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया, जिसमें से 10 परिवार दोपहर में घर को लौट गए। खटीमा में खेतलसंडा खाम के 7 परिवार एहतियातन शिफ्ट किए गए हैं। वहीं सितारगंज के ग्राम झुकहा में 38 वर्षीय किसान कैलाश नदी में बह गया है। बाजपुर में कनौरा, कानौरी आदि गांव में कुछ जगह जलभराव हुआ है। जसपुर में फीका नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे नदी किनारे खड़ी गन्ने एवं धान की फसल को नुकसान हो रहा है। वहीं पूरनपुर राजपुर को जोड़ने वाले बंधे के खतरे को देखते हुए कोतवाल ने मौका मुआयना किया।
गूलरभोज के बौर और हरिपुरा जलाशय का जलस्तर बीते 36 घंटे में 786 फीट से बढ़कर 788.3 फीट हो गया है। वहीं बौर जलाशय से 1200 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। वहीं नानकसागर से 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं किच्छा में गौला नदी में 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी की है। वही बारिश से गन्ने की फसल को करीब 70 फीसदी तक और धान की फसल को करीब 50 फीसदी तक नुकसान का अंदेशा है।

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