नई सेवानियमावली के विरोध में उतरे सहकारी समितियों के कर्मचारी

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देहरादून। सहकारी समितियों की नई नियमावलियों का विरोध शुरू हो गया है। विरोध में कर्मचारियों ने गुरुवार से कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों ने एक मई से पूर्ण तालाबंदी की चेतावनी दी है। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में नई सहकारी कर्मचारी सेवा नियमावली कैबिनेट में पास हुई है।

सेवानियमावाली कर्मचारियों और संचालन मंडल के खिलाफ है। दोनों वर्ग के हित इससे प्रभावित हुए हैं। संचालक मंडल की शक्तियां छीन ली गई है। कर्मचारियों के लिए ट्रांसफर का नियम बनाया गया है। किंतु वेतन समिति स्तर पर ही दिया जाएगा। नई वेतन दरों में सचिव 15 हजार, अन्य कर्मचारी दस हजार और सात हजार में कार्य करेंगे। उनके मरने पर केवल दस हजार रुपये का आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान नए नियमावाली में रखा गया है।

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कहा कि कई नियम बिना सोचे -समझे बनाए गए हैं। पुराने कर्मचारियों के हित की बात सेवानियमावली में कहीं भी नहीं है। अधिकारी बता रहे हैं कि जब समितियां सक्षम होंगे तब पांच साल के बाद वेतन बढ़तरी के बारे में राज्य स्तरीय समिति विचार करेगी। कहा कि यह सेवानियमावली कर्मचारी विरोधी है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। कहा कि विरोध में कमलबद्ध हड़ताल शुरू कर दी गई है। अगर सेवानियमावली में संशोधन नहीं किया जाता तो एक मई से प्रदेशभर में पूर्ण तालाबंदी कर दी जाएगी। विरोध करने वालों में सबल सिंह राणा, रिजवान अली, अविनाश शर्मा, अनूप, विनोद, अमित बिष्ट, नवीन रमोला, संदीप पैन्यूली, इंतखाब आलम आदि मौजूद रहे।

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