हल्द्वानी में फर्जी प्रमाण पत्र रैकेट का खुलासा, 17 साल से जारी हो रहे थे अवैध दस्तावेज—एफआईआर के निर्देश
हल्द्वानी। स्थायी प्रमाण पत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान प्रशासन ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। जांच में पाया गया कि शहर में एक कथित सोसाइटी के नाम पर वर्ष 2007 से अवैध रूप से जाति, जन्म और निवास प्रमाण पत्र जैसी दस्तावेजनुमा प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे।
अधिकारियों को संदेह तब हुआ जब एक आवेदन के साथ अंजुमन मोमिन अंसार आजाद नगर नैनीताल के नाम से जारी संदिग्ध प्रमाण पत्र मिला। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान, एसडीएम राहुल शाह और तहसीलदार की संयुक्त टीम ने सोसाइटी के पते का सत्यापन किया।
जांच में सामने आया कि सोसाइटी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद ही नहीं है। स्थानीय लोगों से पूछताछ में पता चला कि रईस अहमद अंसारी, जो साहूकार लाइन में दुकान संचालित करता है, इसी सोसाइटी के नाम पर अवैध प्रमाण पत्र जारी कर रहा था।
पूछताछ में रईस ने स्वीकार किया कि वह साल 2007 से ऐसे प्रमाण पत्र बना रहा है। प्रशासनिक रिकॉर्ड में यह भी मिला कि सोसाइटी वर्ष 2007 के बाद से न तो नवीनीकृत हुई और न ही सक्रिय है। संस्था के अध्यक्ष और महासचिव दोनों की मृत्यु हो चुकी है। इसके बावजूद सोसाइटी के नाम का दुरुपयोग कर फर्जी प्रमाण पत्र बेचे जा रहे थे।
टीम ने मौके से दस्तावेज कब्जे में लेकर सीज कर दिए। सोसाइटी नाम से जारी रसीदों पर अंकित फोन नंबर की जांच में यह भी पुष्टि हुई कि इसी नंबर पर प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की बात कही जा रही थी।
एसडीएम राहुल शाह ने तहसीलदार को आदेश दिया है कि इन संदिग्ध प्रमाण पत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाण पत्रों की तत्काल जांच की जाए। साथ ही आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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