स्वतंत्रता सेनानियों के गांव करेंगे सड़क की मांग पूरी ना होने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार -रोड नहीं तो वोट नहीं, मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
कविता रावल
पाताल भुवनेश्वर क्षेत्र के आस पास के गाँव सेला, सिमायल, सेरा, दालुपा, नानीशीतला, छडोली, जाजर, गनौरा, इन गाँवों की आवादी लगभग 4000 है जहां इस आधुनिक युग में भी लोग सड़क मार्ग से नही जुड़ पाए और आदम युग में जीने को मजबूर हैं 4 हजार की आबादी के ग्रामीण । जिन्होंने रोड नही तो वोट नहीं का निर्णय लिया है । जिला पंचायत सदस्य दिवाकर सिंह रावल के नेतृत्व में एक बैठक हुई जिसमें उक्त गांवों के लोगों ने कहा कि इस सड़क की मांग 1980 से की जा रही है इससे पहले भी क्षेत्र के लोगो ने 2014 लोकसभा चुनावों का वहिष्कार किया था ।2016 में 16 दिनों का क्रमिक अनसन जिला मुख्यालय में किया था और 2018 में156 दिन का आंदोलन तहसील मुख्यालय में किया गया था लेकिन बार बार नेताओं व पी डब्लू डी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के कोरे आश्वासन के सिवा ग्रामीणों को कुछ नहीं मिला ।
सड़क ना होने से गाँव के गाँव खाली हो रहे हैं और पलायन करने को मजबूर हैं । भारत की आजादी में अहम योगदान देने वाले ग्राम सेला के स्वतंत्रता सेनानी स्व श्री चंचल सिंह रावल एवम सीमायल के स्व श्री दीवान सिंह दसोनी का परिवार आज भी रोड की आस में गाँव में रह रहा है लेकिन सरकारों को आजादी के बीर सैनिकों के गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने की सुध दशकों से नही है । जिलापंचायत सदस्य पीपली दिवाकर रावल ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है जिसमे स्पष्ट लिखा है रोड नही तो वोट नहीं । बैठक में ग्राम प्रधान नीमा वर्मा, ग्राम प्रधान भुवनेश्वर राधा रावल, ग्राम प्रधान चामा कमला दसोनी, ग्राम प्रधान भूल की अध्याली राजेंद्र प्रसाद, क्षेत्र पंचायत सदस्य भावना रावल, पूर्व प्रधान गंगा सिंह दसोनी, केदार सिंह देउपा,संदीप बर्मा, महेश बिष्ट, सूरज दसोनी, दीपक रावल, उमेद सिंह दसोनी, राधे राम, नीरज रावल, रंजीत सिंह दसोनी, दीवान बिष्ट, दीपक बिष्ट, त्रिलोक भंडारी, कुंदन भंडारी आदि शामिल रहे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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