नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग की -2017 से मांग आज हो रही है पूरी, कई खुश तो कई नाराज

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एस आर चंद्रा

-कैबिनेट की मुहर लगने के बाद बयानबाजियों का दौर जारी

हल्द्वानी (नैनीताल) । नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग की मांग की मुहिम जनवरी 2017 से हुई थी। एक जनवरी 2017 को हाईकोर्ट बार एसोसियशन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता एम सी कांडपाल ने हाईकोर्ट के कई अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश सहित प्रधानमंत्री व केंद्रीय कानून मंत्री को भेजा था।


इस ज्ञापन के क्रम में तब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने हाईकोर्ट की वेबसाइड में राज्य की जनता व अधिवक्ताओं की राय मांगी। जिसमें 800 से अधिक लोगों ने अपनी राय दी और करीब 75 से 80 फीसदी लोगों की राय नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के पक्ष में थी । लेकिन उसके बाद यह मामला शांत हो गया । किन्तु 2019 में अधिवक्ता एम सी कांडपाल ने इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश व अन्य को स्मृति पत्र भेजे। जिसके क्रम में शासन स्तर पर व हाईकोर्ट स्तर पर विचार हुआ। कुछ माह पूर्व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की ओर से हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर अपनी राय दी गई । जिसके बाद 27 सितम्बर 2022 को शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें वन सचिव, विधि सचिव आदि को हाईकोर्ट शिफ्टिंग के लिये जमीन चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई। यह जमीन हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी से जुड़ी है।

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शासन में हुई इस बैठक के बाद नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग का विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने कड़ा एतराज जताया और कई दिन तक विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने बार सभाकक्ष में बैठकें की। इस मामले में हाईकोर्ट बार एसोसियशन ने आम सभा भी बुलाई, किन्तु पक्ष व विपक्ष के अधिवक्ताओं के शोर शराबे व धक्का मुक्की के कारण बार के अध्यक्ष ने यह बैठक स्थगित कर दी थी।नैनीताल के कई अधिवक्ता नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग के विरोध में हैं । किंतु अन्य जगहों के अधिवक्ता शिफ्टिंग के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि नैनीताल में हाईकोर्ट के विस्तार के लिये जगह नहीं है । यहां अधिवक्ताओं के चैम्बर व वादकारियों के ठहरने के लिये उचित व्यवस्था नहीं है । पर्यटक सीजन में हालात और भी खराब होते हैं, जबकि हाईकोर्ट शिफ्टिंग का विरोध कर रहे, अधिवक्ताओं का कहना है कि यह पहाड़ से पलायन करने की प्रवृत्ति है। पहाड़ से अधिकांश बड़े संस्थान मैदान में शिफ्ट किये जा रहे हैं। नैनीताल में हाईकोर्ट की स्थापना के लिये अरबों रूपये खर्च किये जा चुके हैं। हाईकोर्ट की
स्थापना के लिये नैनीताल से सभी सरकारी कार्यालय बाहर भेज दिए गए है, जो कि जनता के धन व संसाधनों की अनावश्यक बर्बादी है ।

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हाईकोर्ट बार एसोसियशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी कांडपाल ने राज्य कैबिनेट द्वारा आज पारित प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि इस नई युवा सोच के लिये सरकार धन्यवाद की पात्र है । उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही इस आशय का नोटिफिकेशन जारी होगा । हाईकोर्ट बार एसोसियशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मसले पर बार एसोसियशन ने कोई राय नहीं दी थी । बार ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी, जो सफल नहीं हो सकी थी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर फिर अधिवक्ताओं के बीच चर्चा की जाएगी।

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