जिला अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था पर हाईकोर्ट सख्त -हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

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नैनीताल। उत्तराखंड में जिला अस्पतालों की रेफरल सेंटर बनने की बढ़ती प्रवृत्ति और पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति पर हाईकोर्ट के गंभीर रुख के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। इसी क्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टमटा ने सोमवार को नैनीताल स्थित राजकीय बी.डी. पांडे जिला अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने डॉक्टर आवास व ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण कार्यों की प्रगति भी निरीक्षण की।

निरीक्षण के दौरान महानिदेशक ने अस्पताल में एक सप्ताह से बंद पड़े सिटी स्कैन और काफी समय से बंद ऑक्सीजन प्लांट का गंभीरता से संज्ञान लिया और एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था सुधारने का दावा किया।

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विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी कब होगी दूर?

डॉ. टमटा ने प्रदेश में 50 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी स्वीकार की। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में यह कमी दूर कर ली जाएगी। तब तक वैकल्पिक इंतज़ाम के तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने, NHM के तहत अब तक 34 विशेषज्ञों की नियुक्ति, YU-CODE के माध्यम से 35 विशेषज्ञ चिकित्सक हायर किए जाने की प्रक्रिया जारी है। महानिदेशक ने कहा कि जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की संख्या बढ़ने के बाद मरीजों के उच्च दबाव वाले अस्पतालों को प्राथमिकता के आधार पर विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे।

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MBBS और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उच्च शिक्षा के नियम सख्त

उन्होंने बताया कि MBBS डॉक्टर को 3 वर्ष की सेवा के बाद ही उच्च शिक्षा के लिए अनुमति मिलेगी—यह प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर 5 वर्ष सेवा के बाद ही सुपरस्पेशियलिटी कोर्स के लिए जा सकेंगे।

जिलों में उपलब्ध सुविधाएँ और चुनौतियाँ

निरीक्षण के बाद पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने दावा किया कि राज्य के 13 जिलों के जिला अस्पतालों में CT स्कैन और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्टाफ की कमी के कारण ICU संचालन में कठिनाइयाँ आ रही हैं, जिन्हें जल्द दूर किया जाएगा। रेफरल सेंटर बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में केवल 3% मरीजों को रेफर किया जाता है, जबकि 5% तक रेफरल को सामान्य माना जाता है।

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उन्होंने बताया कि चौखुटिया में जनता की अधिकतर मांगें पूरी की जा चुकी हैं, और दो माह के भीतर विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती कर दी जाएगी। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक और कर्मचारी मौजूद रहे।

हाईकोर्ट में आज सुनवाई

उल्लेखनीय है कि राज्य स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर दाखिल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में आज (मंगलवार) सुनवाई होनी है, जिसमें कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य और महानिदेशक को तलब किया है।

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