डोटल गांव के सड़क निर्माण का कार्य कब होगा पूर्ण, सात साल से भी अधिक का समय हो गया फिर भी सोये हैं विभागीय अधिकारी

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शिवेंद्र गोस्वामी

अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार द्वारा किये गये ग्रामीण विकास के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। राज्य में कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोग आज भी सड़क निर्माण कार्यों को लेकर विभागीय कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं ताकि उनके क्षेत्रों में सड़कों, पुलों व कल्मटों के आधे अधूरे निर्माण कार्य पूरे हो सकें।
राज्य के इन्हीं सुदूर गांवों में से एक है द्वाराहाट ब्लॉक क्षेत्र के तहसील मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित डोटलगांव जहां बासुलीसेरा से गांव के लिए लगभग 7.5 किलोमीटर की सड़क वर्ष 2015-16 में स्वीकृत की गयी थी। सड़क के निर्माण के लिए 4.55 करोड़ पास भी हुए और कार्य प्रारंभ भी किया गया। लोक निर्माण विभाग की लेटलतीफी से 7.5 किलोमीटर लंबी रोड़ आज सात वर्ष पूर्ण होने के बाद भी पूरी नहीं हो पायी है।

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जिसके कारण आज भी डोटल गांव के निवासी इस परेशानी को झेल रहे हैं। आज भी विभाग द्वारा मार्ग में बनाये जा रहे पुलों व कल्मठों का कार्य अधर में लटका है। डोटल गांव के पूर्व प्रधान मदनमोहन सिंह कुमइयां ने संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए बताया कि वह कई बार संबंधित उच्चाधिकारियों से फोन के साथ ही स्वयं जाकर मिल चुके हैं कई शिकायती पत्र भेज चुके हैं। किन्तु आज भी निर्माण कार्यों का सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि अभी भी सड़क व पुुल निर्माण कार्यों के लिए सरकार व संबंधित विभाग नहीं जागेगा, तो गांववासी जनांदोलन करने के लिए विवश हो जायेंगे।

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