विपिन त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज में मैस कर्मचारी पांचवें दिन अपनी मांगों को पूरा नहीं होने पर नाराज-

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एसआर चंद्रा की रिपोर्ट

मैस कर्मियों ने कहां जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक धरना जारी रहेगा-

भिकियासैंण। अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट स्थित विपिन त्रिपाठी कुमाऊँ इंजीनियरिंग कॉलेज के सैकड़ों मैक्स कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं उन्होंने बीते 5 दिनों से लगातार धरना दिया हुआ है
उनकी मांग है कि 37 वर्ष पुराने 1992 से संस्थान के महेश्वर छात्रावासों में कार्य कर रहे और चोर ग्रामीणों को पूर्व में संस्थान संस्थान के माध्यम से वेतन दिया जाता था लेकिन अब पूर्व की भांति संस्थान से के जरिए वेतन हिंदी आता बल्कि विद्यार्थियों की फीस मैं हमारे वेतन को जोर दे आता है इसकी वजह से छात्रों के परिवार को दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ता है बल्कि संस्थान में काम करने वाले मैच कर्मियों को भी समय से वेतन नहीं मिल पाता करोना महामारी के समय जब भारत सरकार ने देश के सभी शिक्षण संस्थानों को लोक डाउन कर दिया उस समय देश के उन सभी संस्थानों के मैच कर्मियों को वेतन दिया गया था परंतु हमारे संस्थान में विद्यार्थियों की फीस नहीं आने थे संस्थान मैं काम करने वाले मैं इस कर्मियों को भी वेतन नहीं दिया गया

बस करने का कहना है कि करण काल में जान जान जोखिम में डालकर मैच के सभी कर्मियों ने कार्य के अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति समझा और पूरी लगन मेहनत से कार्य किए परंतु संस्थान ने वेतन के नाम पर केवल ठगी की और आज तक मैच कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया मैप कर्मचारी संस्था के अध्यक् सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा की संसार में आउटसोर्स के तहत कार्य कर रहे 56 आउटसोर्स कर्मियों को उपनल में समायोजित करते हुए उपनल का शासनादेश लागू हो चुका है उसी के तर्ज पर हम सभी मैच आउट सोर्स कार्मिकों पर उपनल का शासनादेश एक समानता अपनाते हुए लागू किया जाए मैच कर्मचारी संस्था के महामंत्री श्याम सिंह ने कहा अगर मैं आउट सोर्स कर्म कोहबर कॉलेज प्रशासन द्वारा उपनल का शासनादेश लागू नहीं किया गया तो संस्थान में 56 आउटसोर्सेस वाली तकनीकी अटेंडेंस को बिना टेंडर के मानकों के विपरीत कौशल श्रेणी श्रेणी में प्रमोशन किस आधार पर किया गया है हम समस्त और संस्कार में किसकी ज्यादा चाहते हैं वह जांच में गलत पाए जाने पर उस कार्मिक का पसंद किया जाए और उसे उसकी मूल तैनाती वाले तकनीकी पर तत्काल हो जाए उन्होंने आगे भी कहा कि संस्थान में उपनल के तहत तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर शिक्षित महिला पुरुष संस्थान के ही कार्मिकों पर नियुक्ति की जाए बाहरी किसी भी महिला पुरुष को नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए भारी नियुक्त करने पर हम सभी मैच कार्मिक भविष्य में भी विरोध करते रहेंगे।

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उनकी मांग है कि 37 वर्ष पुराने 1992 से संस्थान के महेश्वर छात्रावासों में कार्य कर रहे और आउटसोर्स कार्मिकों को पूर्व में संस्थान के माध्यम से वेतन दिया जाता था लेकिन अब पूर्व की भांति संस्थान से के जरिए वेतन नहीँ दिया जाता बल्कि विद्यार्थियों की फीस में हमारे वेतन को जोड़ दिया जाता है इसकी वजह से छात्रों के परिवार को दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ता है बल्कि संस्थान में काम करने वाले मैच कर्मियों को भी समय से वेतन नहीं मिल पाता करोना महामारी के समय जब भारत सरकार ने देश के सभी शिक्षण संस्थानों को बन्दकर दिया उस समय देश के उन सभी संस्थानों के मैस कर्मियों को वेतन दिया गया था परंतु हमारे संस्थान में विद्यार्थियों की फीस नहीं दिये जाने से संस्थान में काम करने वाले में इन कर्मियों को भी वेतन नहीं दिया गया, करने का कहना है कि कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर मैस के सभी कर्मियों ने कार्य के अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति समझा और पूरी लगन मेहनत से कार्य किए परंतु संस्थान ने वेतन के नाम पर केवल ठगी की और आज तक मैस कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया मैस कर्मचारी संस्था के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संसार में आउटसोर्स के तहत कार्य कर रहे 56 आउटसोर्स कर्मियों को उपनल में समायोजित करते हुए उपनल का शासनादेश लागू हो चुका है, उसी के तर्ज पर हम सभी मैस आउटसोर्स कार्मिकों पर उपनल का शासनादेश एक समानता अपनाते हुए लागू किया जाए मैस कर्मचारी संस्था के महामंत्री श्याम सिंह ने कहा कि आउटसोर्स कार्मिकों पर कॉलेज प्रशासन द्वारा उपनल का शासनादेश लागू नहीं किया गया तो संस्थान में 56 आउटसोर्सेस वाली तकनीकी अटेंडेंस को बिना टेंडर के मानकों के विपरीत कुशल/लिपिकीय श्रेणी में प्रमोशन किस आधार पर किया गया है

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हम मैस आउटसोर्स कार्मिको को इस कि जांच चाहते हैं और गलत पाए जाने पर उस कार्मिक का निरस्त किया जाए और उसे उसकी मूल तैनाती वाले तकनीकी पर तत्काल हो जाए उन्होंने आगे भी कहा कि संस्थान में उपनल के तहत तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर शिक्षित महिला पुरुष संस्थान के ही कार्मिकों पर नियुक्ति की जाए बाहरी किसी भी महिला पुरुष को नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए भारी नियुक्त करने पर हम सभी मैच कार्मिक भविष्य में भी विरोध करते रहेंगे।

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