जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान की जद में आने वाली दुकानों के बदले दें नई दुकान
जागेश्वर धाम में मास्टर प्लान के तहत निर्माण की कवायद तेज हो गई है। इसी को लेकर अफसरों ने हितधारकों के साथ बैठक कर उनसे रायशुमारी की। लोगों ने दो टूक कहा कि मकान या दुकान तोड़ने से पहले उन्हें नया बनाकर दिया जाए, तभी जाकर वह पुराने को छोड़ेंगे। अधिकारियों ने उनके सुझावों को ड्राफ्ट में शामिल करने का आश्वासन दिया। जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान सीएम पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। मास्टर प्लान में पहले चरण में करीब 10 करोड़ से इल्युमिनेशन(लाइटिंग) का काम शुरू हो गया है।
पहले चरण में मंदिर प्रवेश द्वार के पास पांच-छह दुकानें भी मास्टर प्लान की जद में आ रही हैं। इसी को लेकर शुक्रवार को जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी, लोनिवि के एई की मौजूदगी में हितधारकों, व्यापारियों और मंदिर समिति सदस्यों के साथ बैठक हुई। सबसे पहले अधिकारियों ने मास्टर प्लान की असल तस्वीर पीपीटी के माध्यम से लोगों के सामने रखी। जिला पर्यटन विकास अधिकारी ने कहा कि तीसरे चरण में क्या-क्या काम होना है, इसकी जानकारी जल्द ही कंसल्टेंसी कंपनी आईएनआई के अधिकारी लोगों को देंगे। बैठक में पहुंचे जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में पांच दुकानों के अलावा अन्य कोई भवन नहीं तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों का संशय बेवजह है। उन्होंने कहा कि भंडारा स्थल में भी प्राइवेट लोगों की जमीन अधिग्रहित नहीं की जा रही है। मास्टर प्लान के तहत भंडारा स्थल का सौंदर्यीकरण सरकारी बजट से होगा। बैठक में पहुंचे लोगों ने एक स्वर में कहा कि मास्टर प्लान के साथ ही जागेश्वर मंदिर के आसपास के सभी प्राचीन भवनों का भी जीर्णोद्धार डीपीआर में शामिल हो। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि उनके पटालदार प्राचीन भवनों का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो वह आंदोलन शुरू कर देंगे। मास्टर प्लान में इसका स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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