निश्छल भक्ति से ही भगवान की प्राप्ति होती है : ब्यास नवल

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-सबरी केवट सुदामा आदि की सरल भक्ति का विस्तार से वर्णन किया
-भारी बारिश के बावजूद भागवत कथा में भक्तों का तांता लगा


कविता रावल
गंगोलीहाट के प्रसिद्ध चामुंडा मंदिर धाम में श्रीमद् देवी भागवत कथा के आठवें दिन सोमवार को भारी बारिश के बावजूद कथा सुनने को भक्तों का तांता लगा रहा । वही नित्य की भांति मंदिर के पुरोहित गिरीश चंद्र जोशी ने मुख्य यजमान विरेंद्र सिंह बोरा को सपत्नीक विधि विधान से मां चामुण्डा एवं भैरव देवता का पंचामृत स्नान के पश्चात पूजा अर्चना कराई। वहीं कई विद्वान ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन मंदिर में देवी का पाठ किया जा रहा है । दोपहर 2 बजे से प्रतिदिन की भांति भागवत कथा के आठवें दिवस पर कथा के व्यास योगेंद्र प्रसाद जोशी “नवल “ने भक्ति का निर्मल व सरल रूप , सबरी , केवट ,सुदामा इत्यादि के निश्छल भक्ति का वर्णन सुनाया और भक्ति के सरल रूप की विस्तार से व्याख्या की। वही उन्होंने बताया कि भगवान की भक्ति सरल रूप में की जा सकती है उसमे किसी प्रकार के आडंबर की आवश्यकता नही है और जीवन को जीने का सतमार्ग पर भी विस्तार से प्रकाश डाला ।प्रतिदिन की तरह भागवत कथा प्रवचन समाप्ति के बाद कन्यापूजन व ब्रह्मभोज के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है ।भंडारे मे सैकड़ों लोग प्रसाद गृहण कर रहे हैं।

हनेरा व आस पास के गांव के युवा व बुजुर्ग इस पुनीत कार्य में तन मन धन से भागीदारी कर रहे है। वहीं मंदिर मे देर रात तक दूर दूर से आई भक्त मंडलियों की टीमों द्वारा सुंदर भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा हैं जिससे संपूर्ण क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा हैं।चामुंडा मंदिर कमेटी ने सभी भक्तों से भागवत कथा श्रवण करने एवं प्रतिदिन भंडारे मे प्रसाद गृहण करने व रात्रि में भजन कीर्तन में शामिल होने का आग्रह किया हैं। बताते चलें की श्रीमद देवी भागवत कथा का समापन पूर्णाहुति व महाभंडारे के आयोजन के साथ 3 मई को होगा ।

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