संपत्ति नीलामी के नाम पर किया जा रहा मेरा उत्पीड़न : मुक्ति दत्ता

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शिवेंद्र गोस्वामी
अल्मोड़ा 3 मई जन जागरण समिति की सचिव मुक्ति दत्ता ने मंगलवार को एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि शासन प्रशासन पर उन्हें मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर संपत्ति नीलामी के नाम पर मेरा मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। कहा कि उनकी समिति ने सैकड़ों महिलाओं को रोजगार दिया। अब प्रशासन उनकी निजी संपत्ति को गैर कानूनी ढंग से नीलाम करने की तैयारी कर रहा है। ये हाल तब हैं जब मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। उन्होंने कहा कि सन 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने पंचाचूली वीमैन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देना चाहा और स्वयं अपने विशिष्ट मंत्रियों के साथ पंचाचुली उद्योग में आकर 450 गरीब महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षण तथा उत्पादन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया कार्यक्रम के तहत जन जागरण समिति को रुपया 65 लाख का ऋण उत्तराखंड बहुउदेशी वित्त निगम द्वारा दिया गया था जो कि 450 महिलाओं के प्रशिक्षण मात्र हेतु था अनुबंध पत्र में स्पष्ट है कि जब महिलाएं प्रशिक्षित हो जाएगी तो ऊनी हथकरघा उत्पादनो के किराए द्वारा ऋण लौटाया जाएगा ऋण जन जागरण समिति को दिया गया था ना कि किसी व्यक्ति विशेष को और नहीं किसी भी संस्था के पदाधिकारी की निजी संपत्ति मोर गेट कराई गई थी।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खंडूरी की घोषणा के अनुसार प्रशिक्षित महिलाओं के 3 सहकारी समूह बनाने जाने थे और प्रत्येक समूह के लिए सहकारिता विभाग की धनराशि स्वीकृत की जानी थी ताकि तीन भवन उत्पादन हेतु हथकरघा संबंधी यंत्र बनाए जाएं तब तत्कालीन जिलाधिकारी निधि त्रिपाठी द्वारा एक सहकारिता समूह के लिए भवन और यंत्र जोड़े गए उनके स्थानांतरण के बाद जन जागरण समिति कई सालों तक शासन प्रशासन से गुहार लगाती रही ताकि प्रशिक्षित महिलाएं उत्पादन आरंभ कर सके और संस्था लोन को लौटा सकें लेकिन कोई असर नहीं उन्होंने कहा कि विपरीत स्थितियों में भी लगभग डेढ़ सौ महिलाओं को रोजगार दिया और उनकी मेहनत से 65 लाख ऋण संस्था ने निगम को लौटा दिया आज भी 300 महिलाएं संसाधनों से वंचित हैं वर्ष 2013 में निगम ने 76 लाख की आर सी व्यक्तिगत मुक्तिदाता के नाम से काट दिया और मेरी निजी संपत्ति अटैच कर दी तत्कालीन प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष बहुउद्देशीय निगम ने मामले को संज्ञान में लिया और लिखित आदेश किया की संस्था की और सरकार की इस योजना में क्या जिम्मेदारी थी इसकी जांच करें जिसमें सैकड़ों गरीब महिलाओं के रोजगार से संबंधित था इसे पुनर्जीवित कर निजी वसूली स्थगित करें न तो पुनर्जीवित हुआ और नहीं जांच हुई वर्ष 2020 में निगम ने फिर से मुक्तिदाता के नाम पर 97 लाख की आरसी काट दिया और मेरी निजी संपत्ति कुर्क कर ली इसमें मेरे पास कोई चारा नहीं था मैंने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की सार्वजनिक एवं सामाजिक ऋण की वसूली मुझसे क्यों की जा रही है माननीय उच्च न्यायालय ने निगम को वन टाइम सेटलमेंट करने को कहा मैंने ऑफर किया कि मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी कुछ भूमि क्राय करके मूलधन लगभग रूपया 8लाख और उस पर ब्याज देने को तैयार हूं ताकि मामला समाप्त हो जाए जिस कारण मुझे 2013 से प्रचारित किया जा रहा है जिस कारण मेरे ऊपर मानसिक तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है।

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निगम ने लिखित उत्तर दिया कि ओटीसी प्राविधान नहीं है और मुझे व्यक्तिगत 97 लाख रुपए जमा कराने होंगे उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने उक्त मामले में 28 अप्रैल 2022 को सुनवाई के लिये फैसला आरक्षित कर दिया है जिसके बावजूद 5 मई को नीलामी होने जा रही है मुक्तिदाता ने कहा कि जन जागरण समिति ने पाताल देवी डीना पानी में निजी संसाधनों से करोड़ों की अचल संपत्ति खड़ी है भवन मशीन आदि सभी वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के स्वामित्व में निशुल्क उन्होंने दान दिया है और सरकार चाहे तो उस संपत्ति को ले सकती है उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा मेरे साथ अन्याय किया जा रहा है मैंने हमेशा ही गरीब और निचले महिलाओं की सेवा और उत्थान के लिए काम किया है पत्रकार वार्ता के दौरान मुन्नी बिष्ट मुन्नी मेहता सहित अनेक महिलाएं उपस्थित थी

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