अब विकास के लिए मागेंगे वोट, रोड ही मारेगी चोट-
पाँच साल बीत जाने के बाद, अब 2022 के चुनाव की आचार संहिता जारी, लेकिन रामनगर बद्रीनाथ रोड़ अपनी विकास की बाट जो रहा है।
जनप्रतिनिधियों सहित कई विभागीय मंत्रियों ने भी रोड़ की नहीं ली सुध-
भिकियासैंण। (एस. आर. चन्द्रा) रामनगर- बद्रीनाथ रोड़ पर चलने वालों का दुर्भाग्य है कि जब से यह सड़क बनी है तब से जितनी भी सरकारें बनी इस पर कभी भी किसी सरकार द्वारा गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया पूर्ण रूप से उपेक्षित छोड़ रखी है |
देखा जाये तो सीधे दिल्ली से रामनगर वाया भतरौंजखान,भिकियासैंण,चौखुटिया से होते हुए बद्रीनाथ तक जाने वाली सड़क का लगभग चार सौ किलोमीटर का हिस्सा उत्तराखंड में पड़ता है |
इसमें मासी तक का हिस्सा सवा सौ किलोमीटर पूरी तरह उपेक्षा का शिकार होकर अनेकों दुर्घटनाओं का कारण बनता रहता है | कुमाऊं – गढ़वाल को जोड़ने वाली ये बहुत पुरानी सड़क है यहाँ तक कि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को जोड़ने का काम भी करती है और यात्रा सीजन में इस रास्ते हजारों श्रद्धालु निजी और सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करते हैं |
इसके साथ ही उतराखंड की ग्रीष्म कालीन राजधानी जाने के लिए भी यह सड़क बहुत नजदीकी मार्ग है |
लेकिन गड्ढों से पटी पड़ी सड़क अपने संकरेपन के कारण अक्सर सौंराल से भतरौंजखान के बीच दुर्घटनाओं में अनेकों लोगों की जान लेती रहती है फिर भी किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता | क्षेत्रीय विधायक से क्या उम्मीद रखें जब बड़े बड़े मंत्री अधिकारी आदि भी इस मार्ग से गैरसैण राजधानी में विधान सभा सत्र में शामिल होने जाते हैं गड्ढों से उड़ती धूल पीछे छोड़ जाते हैं | अभी पिछले दिनों विभाग द्वारा दिखावे के लिए मिटटी पत्थरों से गड्ढे भरे गए जो हफ्ते भर में भरा मैटिरियल सड़क पर फ़ैल कर दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं |
इस बारे में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्त्ता शंकर फुलारा का कहना है कि उत्तराखंड के प्रवेश द्वारों क्रमशः हल्द्वानी रामनगर कोटद्वार से पहाड़ को जोड़ने वाली सड़कों में सबसे उपेक्षित सड़क रामनगर बद्रीनाथ सड़क है जबकि इस क्षेत्र से एक मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं | भिकियासैंण के दुकानदार प्रकाश रौतेला ने कहा इसके लिए स्थानीय विधायक सांसद भी कम जिम्मेदार नहीं हैं | चन्दन मनराल का कहना है कि विभागीय अधिकारीयों को समय समय पर सड़कों पर निकल कर मेंटिनेंस की सुध लेनी चाहिए | आनंद पधान का कहना है कि इन सड़कों के रखरखाव में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाम लगे तो गड्ढों में भरा जाने वाला मसाला दस दिन में ही ख़राब न हो | अब आने वाले चुनावों में सड़क का मुद्दा बहुत गरम रहने की उम्मीद है |
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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