किच्छा के स्कूल में प्रवेश हुए महज 44, छात्रवृत्ति 154 बांट दी -110 फर्जी एडमिशन दिखाकर 6.27 लाख रुपये गटके

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प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए संचालित छात्रवृत्ति में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले में जिले के छह शिक्षण संस्थान शामिल हैं। किच्छा तहसील के एक शिक्षण संस्थान में पंजीकृत 154 छात्र-छात्राओं में से 110 फर्जी एडमिशन दिखाकर 6.27 लाख रुपये गटक लिए गए।


वित्तीय वर्ष 2021-22 में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में कुल 16 शिक्षण संस्थान शामिल थे। इसमें 10 शिक्षण संस्थानों के अभिलेख तो शासन-प्रशासन को मिल चुके हैं लेकिन शेष छह शिक्षण संस्थानों के दस्तावेज आज तक मिल नहीं सके। शासन के निर्देश पर इन संस्थानों की जांच शुरू हो गई है। इसमें एक से पांच तक के बच्चों को मिलने वाली एक हजार रुपये और प्री मैट्रिक के रूप में छह से आठ तक के बच्चों को मिलने वाली 5700 की छात्रवृत्ति जांच की जद में है।

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एसडीएम, बीईओ व ब्लॉक के सहायक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जांच शुरू की तो किच्छा के एक अशासकीय स्कूल घोटाले की जद में आया। जांच में पाया गया कि कक्षा छह से आठ तक के कुल 154 छात्र-छात्राओं को 5700-5700 की दर से छात्रवृत्ति दी गई। इसमें 44 तो सही पाए गए लेकिन 110 विद्यार्थियों का अता-पता नहीं है। बड़ी बात है कि इस गड़बड़ी से विद्यालय प्रबंधन भी अनजान है। विद्यालय की ओर से 44 एडमिशन ही किए थे, वे सही पाए गए हैं लेकिन छात्रवृत्ति के लिए 110 नाम विभाग के पास कैसे पहुंच गए, ये बड़ा सवाल है।

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सीरीज के मोबाइल नंबर का किया गया प्रयोग:    अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में कोई बड़े रैकेट के शामिल होने का अंदेशा है। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए इस रैकेट ने छात्र-छात्राओं के मोबाइल नंबरों में सीरीज के नंबरों का इस्तेमाल किया है। मसलन सरस्वती पूर्व माध्यमिक विद्यालय किच्छा में अर्शी और रुकैया के नाम पर पर एक ही नंबर 6395525166 दर्ज है। इसी तरह इरम नाज और मो. असकन पर 6397256224 मोबाइल नंबर दर्ज है। जांच में जब टीम ने इन मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया तो कई बंद मिले। जो नंबर खुल मिले, वे अधिकतर नंबर यूपी के थे। इन लोगों को छात्रवृत्ति के बारे में पता ही नहीं था।

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फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज बने घोटाले के आधार  :  

अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल बड़े रैकेट ने बड़े ही शातिराना तरीके से इसको अंजाम दिया है। फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति हड़प कर ली गई। अब जांच टीम के समक्ष एक-एक कर मामले उजागर होने शुरू हुए हैं।


एसडीएम, बीईओ और सहायक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की टीम ऐसे संदिग्ध छह शिक्षण संस्थानों की जांच कर रही हैं। जल्द ही पूरी जांच रिपोर्ट आ जाएगी। –नंदिनी तोमर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

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