यूजर फीडबैक के आधार पर बदलेगा ‘संचार साथी’ ऐप, लोकसभा में बोले केंद्रीय मंत्री सिंधिया

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स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप की अनिवार्य इंस्टॉलिंग को लेकर देश भर में चल रही बहस के बीच केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऐप में सुधार यूजर फीडबैक के आधार पर किए जाएंगे। बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को धोखाधड़ी और चोरी हुए मोबाइल फोन से सुरक्षा प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि ऐप की मदद से अब तक 1.5 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए, जबकि 26 लाख चोरी हुए हैंडसेट्स का पता लगाया गया और 7 लाख मोबाइल उनके मालिकों को वापस सौंपे गए। मंत्री ने यह भी बताया कि लगभग 6 लाख धोखाधड़ी मामलों को ब्लॉक किया गया है। पोर्टल को अब तक 20 करोड़ हिट्स मिले हैं, जो इसकी उपयोगिता का प्रमाण है।

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सिंधिया ने साइबर हमलों (स्पूफिंग) के संभावित खतरे के दावों को पूरी तरह निराधार बताया और कहा कि ऐप उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यूजर यह चुन सकता है कि ऐप को एक्टिव करना है या नहीं, और जब तक पंजीकरण नहीं होता, ऐप निष्क्रिय रहती है।

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उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में मोबाइल निर्माताओं को निर्देश दिया था कि भारत में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए और इसे हटाया नहीं जा सकेगा। इस आदेश के बाद भारी विरोध सामने आया, जिसके बाद सरकार ने अपना रुख नरम किया है।

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