राज्य कर अधिकारी साक्ष्यों के अभाव में आरोप मुक्त

हल्द्वानी। रिश्वतखोरी के दो साल पुराने मामले में अदालत ने राज्य कर अधिकारी को सबूतों के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया है। जबकि मुख्य आरोपी का मामला विचाराधीन है। सतर्कता विभाग की टीम ने सितंबर 2023 में राज्य कर विभाग में जीएसटी पंजीकरण के नाम पर तीन हजार की घूस लेते हुए डाटा एंट्री आपरेटर दीपक मेहता को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
इस मामले में राज्य कर अधिकारी उमेद सिंह की भी संलिप्तता सामने आई थी। मुख्य आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसने अपने साहब यानी उम्मीद सिंह के कहने पर रिश्वत ली थी। पुलिस ने संलिप्तता को देखते हुए राज्य कर अधिकारी को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनके हल्द्वानी स्थित आवास पर छापेमारी भी की गई थी। इसके बाद आरोपी उमेद ने विजिलेंस कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया।
जिसमें बचाव पक्ष के रवि जोशी ने तर्क दिया कि पुलिस ने उसे रंगे हाथ नहीं पकड़ा था। इसके अलावा अभियुक्त राजपत्रित अधिकारी है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए शासन से बिना अनुमति कार्रवाई की गई। तर्क देते हुए कहा कि उसे पूरी तरह झूठा फसाया गया है। साथ ही यह भी कहा कि पुलिस कैसे दूसरे के कहने पर उसे आरोपी बना सकती है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सविता चमोली की अदालत में सबूतों को ध्यान में रखकर उमेद सिंह पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। उन्हें आरोप मुक्त कर दिया है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें
👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119
संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
www.fastnewsuttarakhand.com