राज्य का विकास तो दूर पलायन तक नहीं रुका : शुशील भट्ट

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-राज्य आंदोलनकारियों को किया सम्मानित

हल्द्वानी। स्वराज हिन्द फौज के संस्थापक एवं केन्द्रीय अध्यक्ष सुशील भट्ट की अध्यक्षता में पी डब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया।

केंद्रीय अध्यक्ष सुशील भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का गठन बहुत लम्बे संघर्ष और बलिदानों के फलस्वरूप हुआ। उत्तर प्रदेश में रहते पहाड़ों का दुर्गम जीवन और पिछड़े होने की वजह से इस पर्वतीय क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं हो पा रहा था। इसलिए अलग राज्य उत्तराखण्ड बना, लेकिन आज की परिस्थितियां इसके बिल्कुल उलट है। राज्य का विकास तो दूर की बात राज्य से पलायन तक नहीं रुक पाया है। सत्तासीन केवल राज्य का दोहन कर स्वयं को मजबूत करने व अपनी आने वाली पीढिय़ों के लिए धन एकत्रित करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के दो दशक बाद भी उत्तराखण्ड के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राज्य निर्माण के 22 वर्षों के बाद भी उत्तराखण्ड में बुनियादी जरूरते पूरी नहीं हो पायी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन में महिलाओं की भूमिका अहम थी। रोजगार, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क के प्रश्न पर ही वर्ष 1994 में राज्य आंदोलन ने उग्र रूप लिया। खटीमा, मसूरी, रामपुर तिराहा सहित अन्य गोलीकांडों में 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा कि स्वराज हिंद फौज का मूल उद्देश्य भारत वर्ष में वास्तविक स्वराज की स्थापना करना है तथा साथ ही देश की दिशा विहीन लोकतांत्रिक व्यवस्था को दुरूस्त करना है। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन कम से कम 10 हजार रुपये प्रतिमाह होनी चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रमुख राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक, तरुण पंत, कमल जोशी, डॉ. हरीश पाल, नीमा भट्ट, मोहिनी रावत, बृजमोहन सिजवाली, गिरीश चन्द्र लोहनी आदि नें अपने विचार रखे।

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इस दौरान आंदोलनकारी मनोज कार्की, जगमोहन चिलवाल, जगमोहन बगड़वाल, दीप चंद्र जोशी, प्रकाश चंद्र जोशी, मुन्नी पंत, बच्ची बोरा, जानकी पांडे, भावना सती, दीपा त्रिपाठी, नीमा सम्भल, जगदीश चंद्र तिवारी, मधु पांडे, विद्या जोशी, प्रेमा जोशी, टीकम सिंह, अनीता बर्गली, हिमांशु सिंह, भगवती बिष्ट, शांति बोरा, पुष्पा बिष्ट, ज्योति पांडे, सावित्री जोशी, ज्योत्सना पांडे, फौजी सुनील भट्ट, योगेश कबड्वाल, आर्येन्द्र शर्मा, गोविंद गस्याल, लक्ष्मण गैड़ा, अरविंद सिंह महरा आदि मौजूद रहे।

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