आईजी के अभियान समीक्षा के बाद होंगे शुरू : डीआईजी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत

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हल्द्वानी। डीआईजी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत नैनीताल जिले में चार्ज लेने के पहली बार शुक्रवार को हल्द्वानी स्थित कैंप कार्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां पत्रकार वार्ताकर पुलिसिंग को बेहतर बनाने पर जोर दिया। साथ ही पूर्व में आईजी की ओर से चलाए गए अभियानों को मंथन करने के बाद चलाने की बात कही। कहा कि अभियानों से जनता को कितना फायदा हुआ, इस बात पर विचार किया जाएगा। डीआईजी ने कहा अपराध नियंत्रण तो पुलिस का कार्य है ही किन्तु मेरी प्राथमिकता रहेगी की रिस्पान्सिब पुलिसिंग, पुलिस का जनता के प्रति व्यवहार, उनकी समस्याओं को किस प्रकार सुना जा रहा है, समस्याओं का निराकरण हो रहा है या नहीं, निवारण कितने समय में हुआ यदि समस्या का समाधान समय से नहीं हुआ तो उसका कोई फायदा नहीं।

कहा कि उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगा हुआ है, जिसके कारण कुमाऊं में भी नशे की समस्या है। नशे से निपटने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। प्रदेश में गैंगस्टर के तहत नशे के कारोबारियों की सम्पत्ति भी जब्त की जा रही है। नशा और साईबर क्राईम पर पुलिस काम कर रही है। प्रेस वार्ता के दौरान उनके पूछा गया कि पूर्व आईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे द्वारा चलाए गए गौरा दीदी अभियान, एंटी न्यूसेंस टीम के माध्यम से चलाए गए अभियान, शहर में जाम की समस्या को सीसीटीवी से निगरानी, अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाए गए थे। इन अभियानों को क्या वह यथा स्थित चलने देंगे या बंद कर देंगे। उन्होंने जबाव दिया कि पहले वे इन अभियानों की समीक्षा करेंगे, इनसे क्या-क्या फायदे हुए। टीम कैसा काम कर रही, इसके बाद अग्रीम निर्णय लिए जाएंगे।

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