नानकमत्ता के चौहरे हत्याकाण्ड का खुलासा- तीन गिरफ्तार, एक फरार-
लूट की नियत से की गई हत्या-
सितारगंज। नानकमत्ता के चौहरे हत्याकाण्ड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि एक फरार है। डीआईजी नीलेश आनंद भरणे व एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए बताया कि सरगना नानकमत्ता निवासी रानू रस्तोगी हत्याकाण्ड का मास्टर माइंड है। नानकमत्ता में बीती 29 दिसंबर को हुए चौहरे हत्याकाण्ड से सनसनी फैल गयी थी। पुलिस की 20 टीमों ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
हत्याकांड की वजह लूट बताई जा रही है। पत्रकार वार्ता में अधिकारियों ने बताया कि हत्याकाण्ड का मास्टर माइंड रानू रस्तोगी है। जिसने खटीमा के सचिन सक्सेना के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। एसएसपी के अनुसार सचिन का लखनऊ, यूपी में बड़ा अपराधिक इतिहास है।एसएसपी ने बताया कि नानकमत्ता निवासी रानू रस्तोगी, रुद्रपुर निवासी विवेक वर्मा व मुकेश वर्मा उर्फ राहुल को गिरफ्तार किया है। घटना में प्रयुक्त वैगनार कार, लूटे गए 35 हजार रुपये व सर्जिकल ब्लेड बरामद कर लिया है। डीआईजी के अनुसार अंकित रस्तोगी कबाड़ का कारोबारी था। एक माह पूर्व अंकित रस्तोगी ने 30 से 40 लाख रुपये लगाकर सुनार की दुकान खोली थी। रानू रस्तोगी ने अंकित की दोस्ती सचिन सक्सेना से कराई थी, जो कि शातिर किस्त का गैंगस्टर है।
लालच में उसने अपने दो साथी विवेक वर्मा व मुकेश वर्मा के साथ मिलकर 28 दिसंबर को लूट के लिए अंकित रस्तोगी व उदित रस्तोगी को जन्मदिन के बहाने घर से बाहर बुलाकर देवहा नदी के किनारे ले जाकर लाठी डंडो से पिटाई की औ सर्जिकल ब्लैड से गला रेंतकर निर्मम हत्या कर दी थी। इसके बाद घर जाकर उसकी मां आशा देवी व नानी सन्नो देवी की गला रेंतकर हत्या कर दी। दुकान से 35 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए। चारों बदमाशों ने सुनार की दुकान में लॉकर खोलने व तोड़ने की भी कोशिश की जिसमें वह सफल नहीं हो सके। वहीं पूरे मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
फरार सचिन सक्सेना की तलाश की जा रही है। टीम में पूछताछ करने वाली टीम में सितारगंज कोतवाली प्रभारी प्रकाश सिंह दानू, एटीएचयू प्रभारी बसंती आर्या, नानकमत्ता थानाध्यक्ष केसी आर्या, अशोक कुमार, नीमा बोरा, मंजू पंवार, एसओजी चम्पावत से मतलूब खान, प्रकाश आर्या, प्रियंका कोरंगा, प्रिंयका शामिल रहीं। वहीं स्थानीय स्तर पर सुरागरसी व पतारसी करने वाली टीम में एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट, जावेद मलिक, बोबिन्दर, नवनीत, मोहित, आसिफ हुसैन, दिनेश चंद्र शामिल रहे।
इसके साथ ही बाहरी जनपद से सुरागरसी पतारसी करने वालों में दिनेशपुर थानाध्यक्ष विनोद जोशी, लालपुर चौकी इंचार्ज पंकज कुमार, कुलदीप सिंह, ललित चौधरी शामिल रहे। सीडीआर विश्लेषण में कैलाश तोमक्याल व भूपेंद्र आर्या की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सीसीटीवी खंगालने में आईटीआई थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी, एडीटीएफ प्रभारी कमाल हसन, झनकईया थानाध्यक्ष दिनेश फर्त्याल, सितारगंज एसएसआई योगेश कुमार, शंकर बिष्ट, विजेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र सिंह, पंकज महर, राजेश पांडे, कमल नाथ गोस्वामी, पंकज बिनवाल, नासिर, धर्मवीर, ललित कुमार, गणेश पांडे, नीरज शुक्ला, प्रमोद कुमार, विनोद, भूपेंद्र रावत, राजेन्द्र कश्यप, प्रभात चौधरी शामिल रहे। साथ ही पंचायतनामा भरने, साक्ष्य जुटाने व कार्यलेख करने वाली टीम में गिरीश चन्द्र, योगेन्द्र कुमार, ललित काण्डपाल, नरेद्र रोतेला, रमेश भट्ट, मोहन गिरी, देवेन्द्र, लोकेश तिवारी, सुरेश कुमार, राजेश कुमार, प्रकाश जोशी, कमला दुम्ताल, विद्या रानी, बीना, शिवन्ती, विनित, राजकुंवर, फालवर पूरन चन्द्र, राजकुमार शुक्ला, गुरमेज, मिल्खा, राजवती, गोविन्द आदि शामिल रहे। डीजी ने एक लाख, डीआईजी ने 50 हजार, एसएसपी ने 25 हजार, विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा ने 11 हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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