कर्मचारियों ने किया नो वर्क नो पे के आदेश की आलोचना-

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देहरादून- हड़तालों के प्रति जवाबदेही के लिए मुखर उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच की आज सम्पन्न वेबिनार में शासन द्वारा हड़ताल को लेकर नो वर्क नो पे के सम्बन्ध में जारी आदेश की तीखी आलोचना की । सर्वसम्मति से कहा गया कि यह आदेश हड़ताल के कारणों के लिए जो जिम्मेदार हैं उन पर लागू हो । वेबिनार में आगाह किया गया कि यदि सरकार राज्य प्राप्ति के लिए ऐतिहासिक संघर्ष करने वाले कार्मिक समुदाय की आवाज को दबाने की कोशिश से बाज नहीं आयी तो समूचा कार्मिक समुदाय एकजुट होकर हड़तालों के प्रति जवाबदेही के लिए हड़ताल करेगा ।


एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे की अध्यक्षता तथा महासचिव दिगम्बर फुलोरिया के संचालन में सम्पन्न बैठक में सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि 8 जनवरी 2013 को नो वर्क नो पे का आदेश जारी होने के बाद भी अब तक हड़ताल व धरना प्रदर्शन हुए । अब गत रोज पुनः इस आदेश को सख्ती से लागू करने का आदेश जारी कर यदि सरकार यह समझती है कि इससे हड़ताल पर पूर्ण विराम लग जाएगा तो यह सरकार की बड़ी गलतफहमी है । कहा कि हड़ताल के कारणों की समीक्षा कर उन चेहरों को चिन्हित किया जाय जिनकी वजह से हड़ताल की स्थिति उत्पन्न होती है ।

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एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि गोल्डन कार्ड के नाम पर कार्यरत एवं सेवानिवृत्त कार्मिकों के वेतन व पेंशन से प्रतिमाह एक साल से कटौती के बावजूद आज कार्मिक समुदाय को नि:शुल्क इलाज नहीं मिल रहा है और शिथिलीकरण के बावजूद कार्मिकों की पदोन्नति की आस पर तुषारापात किया जा रहा है उसके लिए सरकार तो जिम्मेदार है ही लेकिन कार्मिक संघ भी कम जिम्मेदार नहीं हैं । उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा अगर सही है तो हड़तालों के प्रति जवाबदेही के सवाल पर चुप्पी क्यों है ? कहां कि कार्मिक संघों में समानान्तर स्थिति का फायदा सरकार को और नुकसान कार्मिकों को होता है। इसीलिए एकता मंच ने सभी संघों के शीर्ष स्तर पर एक सर्वमान्य वह सशक्त महासंघ के गठन की पहल करते हुए 19 सितम्बर 21 को उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ की नींव रखी । उन्होंने कहा कि समस्त परिसंघ इस महासंघ के प्रमुख स्तंभ है और मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालातों में सभी परिसंघों को प्रमुख स्तम्भ के रूप में अपनी भूमिका निभाने के साथ ही महासंघ का नेतृत्व करने के लिए भी खुलकर आगे आना चाहिए । उन्होंने कहा कि जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने के रूप में आवाज दो हम एक हैं के नारे को धरातल पर साकार करना जरूरी है । तय किया गया कि एकता मंच द्वारा हड़तालों के प्रति जवाबदेही के लिए एकता की मुहिम को जारी रखते हुए सभी परिसंघों के साथ शीघ्र ही बैठक की जायेगी ।

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मंच के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेन्द्र पाठक ने कहा कि समूचे कार्मिक समुदाय के वजूद से जुड़े मौजूदा हालातों का सामना करने के लिए एकजुट होने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है और एकता मंच एकता की मुहिम को जारी रखते हुए सभी संघों के साथ समन्वय बनायेगा ।
वेबिनार के बीच देश के पहले सी०डी०एस० जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित अन्य की दुर्घटना में असामयिक निधन की खबर पर गहरा दुख व्यक्त किया गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई ।
बैठक को मंच के गढ़वाल मंडल के संयोजक सीताराम पोखरियाल, स्वरूप जोशी , श्रीमती सरस्वती टम्टा , डा०सरिता , मोहन राठौर, अजिता ऐरी , सुरेश चन्द्र, रमेश पाण्डेय, मित्रानन्द , आनन्द सिंह आदि थे ।

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