शौचालय नहीं होने से कर्मचारी जंगलो में शौच करने को मजबूर

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एस आर चंद्रा

भिकियासैण। भवानी देवी पेयजल पंम्पिग योजना फेज -1 में वाटर पम्प हाऊस में शौचालय नहीं होने से कर्मचारी जंगलो में शौंच करने को मजबूर है,विभागीय लोगों ने भी इसकी सुध लेने की नहीं सोची, जिससे स्वच्छता अभियान पर भी पलीता लग रहा है। नगर पंचायत भिकियासैण में स्थित उत्तराखंड जल संस्थान के वाटर पम्प हाऊस भवानी देवी फेज- 1 में लगभग -25 वर्षों से कर्मचारियों के लिए शौचालय निर्माण आज तक नहीं हुआ,जिसमें रात- दिन ड्यूटी कर रहे कर्मचारियो को शौच के लिए जंगलों में जाना पड़ता है। रात के अन्धेरे में जंगली जानवरों का हमेशा खतरा रहता है, लेकिन अभी तक उनकी शासन प्रशासन व विभागीय अधिकारियों ने एक भी नहीं सुनी। कर्मचारियों का कहना है कि तहसील से लेकर जिले के समक्ष अधिकारियों व जल संस्थान के उच्च अधिकारियों को कई बार लिखित पत्र प्रेषित किया, लेकिन किसी ने भी हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया।

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भारत स्वच्छता अभियान में हर वर्ष करोडो़ रुपया खर्च होता है, लेकिन आवश्कीय जल ही जीवन में रात दिन कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए शौचालय जैसे चीज का निर्माण ही आज तक नहीं हुआ,जो बहुत ही शर्मनाक है। शासन- प्रशासन को इस ओर तुरन्त ध्यान देना चाहिए, जिससे कि किसी कर्मचारी के साथ जंगली जानवरों द्वारा कोई बडा़ हादसा न हो। वर्तमान में वाटर पम्प हाऊस भिकियासैण में -6 कर्मचारी कार्यरत है,जिनमें केवला नन्द मठपाल, दिनेश नाथ, गणेश नाथ, कमल सिंह, बलवन्त सिंह व राजे सिंह है।

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