सूर्पनखा की नाक कटी दर्शको का उमड़ा हुजूम, -महाकाली का दृश्य रहा मुख्य आकर्षण

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नन्हे जोकर साढ़े चार वर्षीय मानस उप्रेती खूब हंसा रहे हैं दर्शको को
कविता रावल
श्री महाकाली दरबार रामलीला के सप्तम दिवस पर सूर्पनखा की नाक काटने की लीला को देखने के लिए दर्शकों को हुजूम उमड़ा रामलीला मैदान में तिल रखने को जगह नहीं थी जिससे आयोजको के चेहरे खिले रहे । सप्तम दिवस पंचवटी में राम लक्ष्मण सीता बनवासी वेश में जीवन यापन कर रहे थे इतने में शूर्पनखा वहां से गुजरती है और राम को देखकर मोहित होकर विवाह का आग्रह करती है परंतु वह सीता का परिचय देकर उसे लक्ष्मण के पास भेज देते हैं लक्ष्मण सूर्पनखा का नाक कान काट देते हैं, उसके पश्चात खरऔर दूषण भारी सेना के साथ राम से युद्ध करते हैं और दोनो सेना सहित मारे जाते हैं , महाकाली की मनमोहक सीन का भक्तिमय दृश्य दिखाया जाता है इस दौरान रावल गांव व हनेरा की सांस्कृतिक टीमों द्वारा काली तांडव व शिव तांडव की सुंदर प्रस्तुति दी गई इस दौरान समस्त दर्शक महाकाली की भक्ति में रम गए तत्पश्चात सूर्पनखा और रावण का संवाद होता है, रावण द्वारा मुनि वेश में सीता का हरण किए जाने तक का मंचन हुवा वही रामलीला में साढ़े चार वर्षीय नन्हें जोकर मानस उप्रेती दर्शको को खूब गुदगुदा रहें हैं और जमकर तालियां बटोर रहे हैं ।

खर का अभिनय राजेंद्र खाती , दूषण मनोज उप्रेती , रावण आशु उप्रेती, सूर्पनखा चिराग धानिक, मारीच पूरन बोरा , मंत्री हरगोविंद रावल व द्वारपाल राजेंद्र धानिक, सुरेंद रावल सूरिया , सुबोध जोशी ने किया । मुख्य अतिथि सभासद मोहन कार्की , भाजपा नेता भूपाल आर्य , सुरेश जोशी , संजू बोरा ,सभासद राजेंद्र धानिक , दिनेश धानिक का कमेटी के अध्यक्ष हेमराज रावल व व्यवस्थापक भगवत रावल ने बैज अलंकृत कर सम्मानित किया। इस दौरान श्री महाकाली दरबार रामलीला के पूर्व व वर्तमान कलाकारों व सहयोग कर्तावों को कमेटी द्वारा सम्मानित किया गया ।

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