भिकियासैण में आवारा पशुओं की दुर्दशा, शासन-प्रशासन बेखबर
एस आर चंद्रा
भिकियासैण। नगर में आवारा गायों की दुर्दशा इस कदर हो गयी है, कि शासन – प्रशासन भी इसके आगे नाकाम शाबित हो रहा है।
उक्त हाल नगर पंचायत भिकियासैण का है, पिछले कई समय से रामलीला मैदान भिकियासैण में दर्जन भर आवारा गायें बन्द है, अगर किसी नगरवासी को थोडा़ बहुत दर्द होता है, तो उन गायों को मुठ्ठी भर घास व पानी दिया जाता है। नगर की आवारा गायों के लिए यहां के महिला-पुरूषों ने गायों के साथ खूब संघर्ष कर धरना -प्रदर्शन किया,यहां तक कि तहसील मुख्यालय में गायों को बांध कर जमकर नारेबाजी की, और शासन-प्रशासन को खूब खरी खोटी सुनाई तब कहीं शासन प्रशासन जागा और नगर वासियों की सुनी,तत्काल गायों को अन्यत्र भेजा गया, तब से नगर में कुछ शा़ँन्ति थी।आज आवारा गायों का आलम फिर शुरू हो गया है,भरे खेतों को चट कर रही गाये नगर वासियों के लिए आफत बन गयी है।
चारों ओर से इकट्ठा कर रामलीला मैदान में गाये भूक- प्यास से तड़प रही है, जिसमें एक गाँय की विगत दिवस मृत्यु भी हो चुकी है। आँखिर नगरवासी भी कब तक गायों की तीमारदारी करते रहगें।अलग- अलग क्षेत्रों में गौवंश के नाम से गौशालाऐं बनी है, वह भी चुप बैठै है, वही नहीं क्षेत्र के जन प्रतिनिधि भी आँखे मूँदें बैठे हैं। आँखिर इन बेजुबान आवारा पशुओं का क्या होगा? क्या नगर पंचायत भिकियासैण वासियों को पुनः आन्दोलन की राह देखनी पडे़गी? समय रहते शासन -प्रशासन इन गांयों की अन्यत्र गोशालाओं में भेजने की व्यवस्था नहीं करता है, तो वह दिन दूर नहीं, जब नगर का एक- एक बच्चा हर मौहल्ले से चिल्लायेगा शासन -प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाने के लिए मजबूर होगा।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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