रिमोट सेंसिंग की अत्याधुनिक तकनीक से होगा आपदा प्रंबधन तकनीक का आधुनिकीकरण

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शिवेंद्र गोस्वामी
अल्मोड़ा 17 जनवरी । एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, थाईलैंड तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ़ॉर एनआरडीएमएस उत्तराखंड, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के जी.आई.एस. तथा रिमोट सेंसिंग की अत्याधुनिक तकनीक के अनुप्रयोगों से सुसज्जित आपदा प्रबंधन तकनीक के आधुनिकीकरण के लिए एक करार किया है। जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन की अत्यधिक आवश्यकता वाले हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में रियल टाइम डेटा मैनेजमेंट तकनीक द्वारा आपदा के दौरान ऑनलाइन सहायता और आपदा के बाद की स्थितियों को रिकॉर्ड करने और उनके प्रबंधन को सुचारू रूप से संचालित करना है। इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित किये गए हैं। तकनीकी को विकसित करने का कार्य एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, थाईलैंड ने किया है और प्रदेश में इसके क्रियान्वयन का कार्य एनआरडीएमएस सेंटर द्वारा किया जाएगा। यह जानकारी एनआरडीएम एस सेंटर के निदेशक डॉ नंदन सिंह बिष्ट ने दी है।

उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और विभिन्न जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, तकनीक रूप से सुदृढ होंगे। इन सभी कार्यक्रमों की एसएसजे विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा में स्थापित एनआरडीएमएस सेंटर निगरानी करेगा। जिसके मुख्य पर्यवेक्षक के रूप में सेंटर के निदेशक डॉ बिष्ट होंगे। परियोजना के तकनीकी सलाहकार के रूप में प्रो जीवन सिंह रावत और प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक एआईटी थाईलैंड के निदेशक डॉ मंजुल कुमार हजारिका होंगे।

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