सोशल मीडिया में छाया हुआ है केदारनाथ मन्दिर गर्भगृह में महिला द्वारा शिवलिंग पर रुपए उड़ाने का मामला
–केदारनाथ मंदिर समिति की शिकायत पर सोनप्रयाग कोतवाली में महिला के खिलाफ मामला दर्ज, डीएम ने भी दिए थे महिला के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश
रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम का विवाद शांत होता हुआ नजर नहीं आ रहा है…भले ही इस विवाद से धाम की छवि पर भी प्रभावित होने लगी हो, बावजूद इसके केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में लगाए गए सोने का मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है। हालही मे केदारनाथ मन्दिर के गर्भ गृह मे लगे सोने को पीतल बताने को लेकर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था,जिसमे आरोप लगाये गये कि मंदिर के गर्भ गृह मे लगाया गया सोना नहीं पीतल है हालाकि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति *बीकेटीसी* के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि केदारनाथ में श्रद्दालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है यात्रा में खलल डालने और सनातन धर्म की आस्था पर ठेंस पहुंचाने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र के तहत केदारनाथ के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने वाले दानीदाता की मंशा पर सवाल उठाया जा रहा है बीकेटीसी अध्यक्ष का मानना कि गर्भगृह में लगे सोने को पीतल बताया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने विपक्षियों पर ही कई सवाल खड़े किए है…बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र के एक दानीदाता जिन्होंने 2005 में बदरीनाथ धाम में स्वर्ण सिंहासन चढाया था। उन्होंने इच्छा जताई थी कि बिना किसी शर्त और निस्वार्थ भावना से वह केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करना चाहते थे बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव मुहर लगी थी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की देखरेख में निर्धारित प्रक्रिया से दानीदाता के स्वर्णकारों ने गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराया। इसके एवज में दानी दाता ने न ही आयकर छूट संबंधी 80 जी सर्टिफिकेट की मांग की और ना ही अपने नाम की कहीं उल्लेख की शर्त रखी।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने कहा कि दानीदाताओं की भावनाओं का इस तरह अपमान होता रहा तो तीर्थों में दान सहयोग और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कोई भी आगे नहीं आयेगा। इस मामले मे आरोप लगने के बाद मंदिर समिति की ओर से जारी प्रेस नोट में केदारनाथ धाम के गर्भ ग्रह में साल 2022 में सोने की दीवारों को स्वर्ण मंडित दानदाता के सहयोग से संपादित किया गया था, मंदिर समिति की जानकारी के मुताबिक 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया…14.38 करोड़ है…जबकि स्वर्ण मंडित कार्य के लिए प्रयुक्त कॉपर प्लेट का कुल वजन 1.001.300 किलोग्राम बताया गया है 29,00.000.00 बताया गया है…हालाकि जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवारी ने भी जांच कराने की मांग की और मंदिर समिति ने भी जांच कराने का निर्णय लिया है।
वहीं दूसरी ओर केदारनाथ गर्भगृह में नोट उड़ा रही महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसको लैकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कार्यवाही करने के निर्देश दिए । मंदिर गर्भ गृह में शिवलिंग पर रुपए उड़ाए जाने के मामले लेकर पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने कहा की कार्याधिकारी केदारनाथ मंदिर समिति की तरफ से रुद्रप्रयाग पुलिस को तहरीर दी गई की 18 जून को सोसल मीडिया में मंदिर के गर्भ गृह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे एक महिला द्वारा बाबा के शिवलिंग पर नोट /रुपए उड़ाए जा रहे हैं जिसमे “क्या कभी अम्बर से सूर्य बिछड़ता है का संगीत जोड़ा गया है। इस वीडियो से हिंदू सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पंहुची है।जिससे की देश-विदेश में श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होने संबंधी शिकायत के आधार पर कोतवाली सोनप्रयाग पर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पंहुचाने संबंधी भा0 द 0 वि 0 की सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित की गई है।और साथ ही विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के इन दोनों मामलों मे अब देखना होगा कि इनकी हकीकत अखिर कब तक पूरी तरह से साफ हो पायेगी ?
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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