जंगलों को आग से बचाने को लेकर वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी आयोजित

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शिवेंद्र गोस्वामी
अल्मोड़ा 13 मई । वन विभाग ने गुरुवार को वनाग्नि सुरक्षा को लेकर ग्रामसभा मल्ली मिरई में गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में सभी ग्रामीणों के साथ सरपंचों व ग्राम प्रधानों ने जंगलों को आग से बचाने को लेकर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में पहुंचे प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव ने बताया कि गर्मियों में गेहूं की फसल काटने के बाद खेत पर मडुवा, धान आदि की बोआई की जाती है। जो खरपतवार और जड़ो को ग्रामीण जलाते हैं उसे ओड कहा जाता है। उन्होंने कहा कि फायर सीजन में हमारे विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों व फायर वाचर जंगलों की आग बुझाने का कार्य करते हैं उन्हें सहयोग करने की जरूरत है। सबसे बड़ा कार्य इस पर महिला मंगल दलों द्वारा किए जाता है। क्योंकि पहाड़ पर महिलाएं जंगल जाती हैं। अपने जानवरों के लिए चारा एकत्रित करने और साथ ही ईधन के लिए सुखी लकड़ी भी महिलाएं ही जंगलों से लेकर आती हैं। डीएफओ महातिम यादव ने अभी द्वाराहाट के भटकोट जंगल में लगी आग को बुझाने पर अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि हम जंगलों में 24 घंटो से भी अधिक समय तक आग बुझाने के बाद भटकते रहे क्योंकि जंगल में हमे रास्ता नहीं मिला और 8 घंटे बिना पानी के रात गुजारी, साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि आप लोगों के बीच के ही फायर वाचर होते हैं उन्हें आप सहयोग करें जिस कारण की हम वनों की आग को रोक सकते हैं।

डीएफओ ने कहा कि कितनी ही भीषण गर्मी हो जाए जंगलों में आग खुद कभी नहीं लगती। जंगलों में आग मानवीय हस्तक्षेप से ही लगती है कभी अज्ञानतावश तो कभी शरारत के चलते। गोष्ठी में वन विभाग के एसडीओ रानीखेत उमेश चंद्र त्रिपाठी, ललित कार्की, मदन लाल, मनीष पांडे के साथ ग्राम प्रधान सरपंच तारा बिष्ट, प्रकाश अधिकारी के साथ अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

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