बांग्लादेश में हिंसा : अब तक 98 लोगों की मौत, भारतीयों से सावधानी बरतने की अपील

Fast News Uttarakhand - Latest Uttarakhand News in Hindi
खबर शेयर करें

बांग्लादेश में फिर से हिंसा भडक़ गई है। इस बार प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर बवाल मचा है।हिंसा के रूप का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अब तक कम से कम 98 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।इसको लेकर गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया। इसी तरह इंटरनेट भी बंद किया गया है।


बांग्लादेश में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लडऩे वाले सेनानियों को दिया गया 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दिया था।इसके बाद आरक्षण की मांग करने वाले युवा असहयोग आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।उस दौरान सरकार समर्थित दलों ने इसका विरोध किया और हिंसा भडक़ गई। रातभर देशभर में हिंसा की घटनाएं होती रही।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  महिला सुरक्षा को लेकर डीएम वंदना सख्त -विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की


हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन देशव्यापी कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी कर दिया।इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम को भी बंद करने के साथ 4जी इंटरनेट भी बंद करने का आदेश दिया है।इधर, प्रधानमंत्री हसीना ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर बांग्लादेश में तोडफ़ोड़ करने वालों को छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी करार दिया है। उन्होंने हिंसा फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के भी आदेश दिए हैं।
बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने का आग्रह किया है।भारतीय सहायक उच्चायोग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सिलहट में भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यालय के संपर्क में रहें और अत्यधिक सतर्कता बरतें। इसी तरह भारतीय लोगों को बांग्लादेश की यात्रा से भी बचना चाहिए।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  पुलिस ने मुठभेड़ में बरेली के दो चेन स्नैचर दबोचे


सरकार के विरोधी और समर्थित धड़ों के बीच हुई आमने-सामने की भिड़ंत के बाद ढाका, रंगपुर, बोगरा, मगुरा, सिराजगंज, कोमिला सहित देश के प्रमुख हिस्सों में हिंसा भडक़ गई।इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों, पुलिस चौकियों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया तथा कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।शाहबाग क्षेत्र स्थित बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी पर भी हमला किया गया है।


प्रदर्शनकारियों में छात्र और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित कुछ समूह शामिल हैं, जिन्होंने असहयोग का आह्वान किया है।लोगों से करों और बिजली बिलों का भुगतान न करने और बांग्लादेश में कार्य दिवस पर काम पर न आने का आग्रह किया है।इसी तरह प्रदर्शनकारियों के नेताओं ने आंदोलनकारियों से बांस की लाठियों से लैस होने का आह्वान किया था, क्योंकि जुलाई में विरोध प्रदर्शनों को पुलिस ने बड़े पैमाने पर कुचल दिया था।

फ़ास्ट न्यूज़ 👉  पश्चिम बंगाल से उत्तराखंड घूमने आए पर्यटक ने लालकुआं के होटल में स्वयं का गला रेतकर की आत्महत्या


हिंसा के बीच अवामी लीग ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री हसीना ने हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को रिहा करने के लिए कहा है।पार्टी ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों और गृह मंत्री को निर्देश दिया है कि जो छात्र निर्दोष हैं और जिनके खिलाफ हत्या और बर्बरता जैसे गंभीर अपराधों का कोई आरोप नहीं है, उन्हें भी रिहा किया जाना चाहिए।जेल में बंद प्रदर्शनकारियों की रिहाई आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक थी।

Ad Ad Ad
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ास्ट न्यूज़ के फ़ेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 कृपया नवीनतम समाचारों से अवगत कराएं WhatsApp 9412034119