सूचना अधिकार के इस्तेमाल से एक उपभोक्ता ना सिर्फ अपना राशन कार्ड हासिल करने में कामयाब रहा, बल्कि उन्हें एक साथ करीब दो साल का राशन भी हुआ आवंटित
देहरादून। सूचना अधिकार के इस्तेमाल से एक उपभोक्ता ना सिर्फ अपना राशन कार्ड हासिल करने में कामयाब रहा, बल्कि उन्हें एक साथ करीब दो साल का राशन भी आवंटित हुआ है। इस मामले में सूचना आयोग ने संबंधित पूर्ति निरीक्षक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हरिद्वार में लक्सर के गोवर्द्धनपुर निवासी राजेश कुमार ने खाद्य पूर्ति विभाग के पास अपना राशन कार्ड बनाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने उन्हे दो साल तक राशन कार्ड नहीं दिया। इस बीच उन्होंने सूचना का अधिकार के तहत अपने राशन कार्ड की जानकारी मांगी तो विभाग ने जानकारी देने में भी आनाकानी की। इस पर मामला सूचना आयोग पहुंचा। जहां राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट की कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रमाणित हुआ कि राजेश कुमार का राशन कार्ड तो दो साल पहले ही बन गया था, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते इसे उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया गया। इस दौरान उन्हें आवेदन की स्लिप के आधार पर राशन लेने के नाम पर बरगलाया गया।
सुनवाई के दौरान विभाग ने इस लापरवाही को स्वीकार किया, साथ ही माना कि इस अवधि में उनका कुल 17.5 कुंतल राशन बनता है। जो उन्हे उपलब्ध करा दिया जाएगा। आयोग में सुनवाई के दौरान पूर्ति निरीक्षक नागेंद्र प्रसाद ने बताया कि अब विभाग की ओर से राजेश कुमार को सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता विशाल कुमार की दुकान से 6.30 कुंतल चावल और 4.20 कुंतल गेंहू जबकि मनीष कुमार की दुकान से 2.80 कुंतल गेंहू और 4.20 कुंतल चावल उठाने पर सहमति व्यक्त कर दी है। राज्य सूचना आयुक्त ने उपभोक्ता को दस दिन के अंदर उक्त राशन उपलब्ध कराने के साथ ही इस मामले में सूचना न देने पर तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक बबीता सिंह पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने विभाग को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता को प्रोविजनल राशन कार्ड भी उपलबध कराया जाए।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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