बाजपुर के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान महिला की मौत, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में कांटा हंगामा
उपचार के दौरान निजी अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को किसी तरह समझा बुझाकर महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जानकारी के अनुसार गदरपुर निवासी कंचन (22) पत्नी सुरेश को फीवर था। परिजन कंचन को बीते शनिवार की देर शाम बाजपुर लेकर आए। परिजनों ने उसे रामपुर रोड स्थित डॉ. लांबा क्लीनिक में दिखाया था। आरोप है कि यहां कंचन को स्टाफ ने एक इंजेक्शन लगाया। जिसके 10 मिनट बाद ही कंचन के मुंह से झाग निकलने लगे और उसने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया। अस्पताल के अंदर ही शव को रखकर कार्रवाई की मांग की। हंगामे की सूचना पुलिस को मिली तो आनन फानन में ही एसएसआई जसवीर चौहान पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद भी परिजन चिकित्सक और इंजेक्शन लगाने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की मांग करते रहे। काफी समझाने के बाद परिजन शांत हुए। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसका पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसएसआई चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। अभी परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हमने कोई गलत इंजेक्शन नहीं दिया: अस्पताल संचालक
वहीं अस्पताल संचालक डॉ. हरीश लांबा ने बताया कि कंचन को रात के समय परिजन लेकर आए थे। उसकी पल्स बहुत तेज थी और बीपी कम था। पांच छह दिन से वह किसी स्थानीय डॉक्टर की बताई दवा खा रही थी। हमने उसे फर्स्ट एड दिया और ब्लड सैंपल लिए। जिसमें हाई टीएलसी और टाइफाइड होने की बात सामने आई। उसे मोनोसेफ इंजेक्शन देकर हायर सेंटर रेफर करना था, लेकिन उसे हार्टअटैक आ गया। हमारी तरफ से कोई भी गलत इंजेक्शन नहीं दिया गया। पुलिस चाहे तो जांच कर सकती है।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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