सगी बहन से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की सजा-
देहरादून। सगी बहन से दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोपी भाई को सोमवार को न्यायालय ने दोषी करार दिया। दोषी को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। घटना ऋषिकेश थाना क्षेत्र की है। मामले में महिला के पति ने अपने साले के खिलाफ केस दर्ज कराया।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित ने अपनी पत्नी के भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। आरोप था कि उसकी पत्नी अपने बेटे को ट्यूशन छोड़कर घर वापस आ रही थी। इसी दौरान उसका सगा भाई भी वहां से गुजर रहा था। वह बहुत देर से इस बात की ताक में था कि कब वह अकेली मिले। मौका देखते ही उसने अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया। जब उसने शोर मचाया तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
पांच अक्तूबर 2020 को महिला का पति जब रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहा था तो उसका भाई पैरों में पड़ गया। उसने मकान मालिक के सामने इस बात को स्वीकार किया और अपनी गलती भी मानी। अगले दिन महिला के पति ने तहरीर दी तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई तो ट्रायल शुरू हुआ।
अभियोजन की ओर से कुल सात गवाह पेश किए गए। बचाव पक्ष की ओर से दोषी ही गवाह बना था। अभियोजन के गवाहों को देखते हुए कोर्ट ने सोमवार को सजा पर फैसला दिया। दोषी को दुष्कर्म में 10 साल कैद और 30 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई गई। जबकि, जान से मारने की धमकी के दोष में एक साल सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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