पेंशनर्स की सहमत के बिना कटौती नहीं कर सकती सरकार हाई कोर्ट- जनहित याचिका की सुनवाई-

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एस आर चंद्रा

भिकियासैंण। सरकार द्वारा गवर्नमेंट पैशनर्स की पैंशन से जबरन कटौती मामले को लेकर एक जनहित याचिका गणपत सिंह बिष्ट बनाम राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय मेंं पिछले मई महीने से बिचाराधीन थी। आज़ लम्बी सुनवाई के बाद मानवीय उच्च न्यायालय द्वारा एक तरह से स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार की इस कटौती को असंवैधानिक मानते हुए सरकार की इस कटौती पर रोक लगा दी है। माननीय न्यायालय ने सरकार से स्पष्ट तौर पर कहा कि, सरकार पैंशनर्स की सहमति के बिना कटौती नहीं कर सकती। विद्वान न्यायमूर्ति महोदय ने यह भी कहा कि सरकार को अभी तक काटी गई राशि को वापस करना होगा। मामले की अगली सुनवाई- 16 फरवरी को निर्धारित की गई है।

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता श्री गणपत सिंह बिष्ट उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन रामगंगा के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल राजकीय पैंशनर्स संर्घष समिति हल्द्वानी के संयोजक बीर सिंह बिष्ट, हर्ष सिंह बंगारी पूरी सुनवाई दौरान न्यायालय में उपस्थित रहे। सभी पैंशनर्स ने माननीय उच्च न्यायालय के इस फैसले पर खुशी जताई है पूरे प्रदेश में पैंशनर्स काफी लम्बे समय से आंदोलित थे लेकिन सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी, माननीय न्यायालय का यह निर्णय सरकार के मुंह पर एक तमाचा है।ज्ञातव्य हो पैंशन कटोती को लेकर क्षेत्र के पैशनरों ने भिकियासैंण तहसील मुख्यालय में तीन महीने से ऊपर धरना प्रदर्शन किया था।

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