तेंदुआ हादसा…कितने आरव और होंगे कुर्बान, पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी करने के बाद आरव का किया अंतिम संस्कार, देर सायं लगा पिंजड़ा
नैनी/ जागेश्वर। क्षेत्र के क्वैराली गांव में गुरुवार शाम से ही शोक, संवेदनाओं और गुस्से की लहरें उफान पर हैं। रमेश सिंह के घर का इकलौता चिराग आरव के रूप में क्या बुझा पूरा गांव इस दुख में शरीक होने के लिए उनके दरवाजे पर आ डटा। कुछ देर बाद अंधेरा होने के बावजूद प्रशासनिक अमला भी मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए मौके पर पहुंचा। रमेश सिंह के परिवार को अनुग्रह राशि का एक लाख रुपये का चेक भी थमा दिया गया। रात को ही एसडीएम का फोन आया कि सुबह ही गांव के पास तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरा लगा दिया जाएगा, लेकिन दोपहर बाद पिंजरा लगा दिया गया। आज पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी करने के बाद आरव का शव परिजनों के सुपुर्द करने के बाद ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
क्वैराली गांव में गुरुवार की सायं गुलदार का निवाला बने 11 वर्षीय आरव सिंह को माता पिता ने रोते बिलखते बेहोशी की हालत में चिर विदा किया। स्थानीय श्मशान घाट में ग्रामीणों ने शव को दफनाया। गत देर सायं क्वैराली गांव निवासी रमेश सिंह के इकलौते 11 वर्षीय बेटे आरव को उस वक्त गुलदार ने आंगन में घात लगाकर निवाला बना लिया था जब वह एक कमरे से दूसरे कमरे की ओर जा रहा था। इकलौते चिराग के चले जाने से माता पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है और पूरा गांव गमगीन और दहशत में है। ग्रामीणों ने बताया कि देर शाम तहसीलदार बरखा जलाल के साथ प्रशासन की पूरी टीम गांव पहुंची। प्रशासन की ओर से पीडि़त परिवार को एक लाख की अनुग्रह राशि का चैक प्रदान किया और मुआवजे की बाकी राशि शीघ्र प्रदान करने की बात कही। आज मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने क्वैराली गांव पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी है।
-स्थानीय चिकित्सालय नैनी में ही हुआ पोस्टमार्टम
ग्रामीणों की मांग पर जिला प्रशासन ने गुलदार का निवाला बन चुके आरव सिंह का पोस्टमार्टम राजकीय चिकित्सालय नैनी में ही करवाया गया। पीएम के बाद बालक का शव परिजनों को सौंपा गया। बार-बार बेसुध हो रही है मां भागुली देवी, बहन माही पूछती है ददा कब आएगा।
बजेला, मल्ली नैनी, नैलपड़ और क्वैराली के ग्रामीण दहशत में है। कल सायं की घटना से नैनी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के लोग मारे भय के दहशत में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्वैराली की घटना से पूर्व गुलदार कई गांवों के लोगों को दिखाई दिया। कफलनी गांव के सामाजिक कार्यकर्ता शिवदत्त पांडे का कहना है कि अब तक गुलदार कई दर्जन मवेशियों को अपना निवाला बना चुका है। एक साल से वन विभाग ने कोई मुआवजा तक नहीं दिया है। रमेश सिंह के इकलौते बेटे की मौत पर गहरा दु:ख जताते हुए वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गहरा रोष व्यक्त किया है। इस दौरान विधायक मोहन सिंह मेहरा, एसडीएम भनोली बर्खा जलाल, तहसीलदार दीवान सिंह सलाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, ज्येष्ठ प्रमुख धौलादेवी योगेश भट्ट, प्रधान तिरनैली पप्पू वाणी, ग्राम प्रधान नैनीगूंठ खसटी पांडे, सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल बिष्ट, चंदन भट्ट आदि थे।
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संपादक – फास्ट न्यूज़ उत्तराखण्ड
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