आशा वर्करों की अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार हड़ताल शनिवार को 13वें दिन भी जारी

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हल्द्वानी। उत्तराखंड राज्य में चल रही आशा वर्करों की अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार हड़ताल शनिवार को 13वें दिन भी जारी रही। दो अगस्त से मासिक वेतन समेत अन्य मांगों पर चल रही आशा वर्करों की राज्यव्यापी हड़ताल व धरने को लेकर राज्य सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। जिसके चलते ऐक्टू और सीटू से जुड़ी आशा यूनियनों की संयुक्त हड़ताल जारी है।


तेरहवें दिन के धरने से ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा गया कि 12 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आशा आंदोलन के प्रति राज्य सरकार की उपेक्षा शर्मनाक है। राज्य के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डारेक्टर, डीजी हेल्थ सभी से आंदोलनरत दोनों आशा यूनियनों के प्रतिनिधिमंडल वार्ता कर चुके हैं। सभी ने आशाओं की मांगों को जायज मानते हुए समाधान का आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई न होना इस सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
उन्होंने कहा गया कि आशाएं काम करना चाहती हैं, लेकिन सम्मानजनक मासिक मानदेय से कम कुछ भी मंजूर नहीं किया जायेगा। 12 सूत्रीय मांगों पर राज्य सरकार सकारात्मक फैसला जल्दी ले तभी हड़ताल समाप्त होगी।

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यूनियन ने कहा कि 15 अगस्त को आशाएं आजादी के जश्न में शामिल होंगी, स्वतंत्रता दिवस पूरे उल्लास से मनाया जायेगा, झंडारोहण भी करेंगे और साथ ही धरना भी जारी रहेगा।
आज शनिवार तेरहवें दिन के धरने में कमला कुंजवाल, रिंकी जोशी, किरन पलडिय़ा, दीपा बिष्ट, रीना बाला, भगवती बिष्ट, सरोज रावत, रजनी, अनुराधा, उमा, प्रेमा, मीना, गीता जोशी, कविता बिष्ट, जानकी डसीला, भगवती बेलवाल, राबिया, अर्शी, निर्मला, राजेश्वरी, कमलेश बोरा, माया टंडन, खष्टी, वंदना, लता, सलमा, ममता, पुष्पा, मंजू समेत बड़ी संख्या में आशाएं मौजूद रही।

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